
वैदिक धर्म सबसे पुराना धर्म मनुष्य को हमेशा सत्य मार्ग पर चलना चाहिए- पंडित राजेश आर्य
मनुष्यों को धूम्रपान से दूर रहना होगा तभी होगी लंबी आयु- पंडित सुबाष आर्य
साध्वी प्रज्ञा साधना आर्या ने सुनाया एक से बढ़कर एक संगीतमयी प्रवचन
फूलपुर आजमगढ़ कस्बा स्थिति दयानन्द बाल मंदिर में मंगलवार की रात आर्य समाज की तरफ से आयोजित तीन दिवसीय 66वें सत्संग समारोह के दूसरे दिन काफी संख्या में पहुंचकर लोग अपने जीवन को धन्य बनाने के लिए भजनोपदेशक के प्रवचन सुने।सतसंग के दूसरे दिन मंगलवार मैनपुरी से पधारे पंडित राजेश आर्य ने कहा कि वैदिक धर्म सबसे पुराना धर्म है।मनुष्य को हमेशा सत्य मार्ग पर चलना चाहिए।जिससे वह अपने जीवन को धन्य बना सके।वंही गोरखपुर के पंडित सुबास आर्य ने मनुष्यों को धूम्रपान से दूर रहना होगा। तभी लंबी आयु मनुष्य जी सकेगा।बदायू से आयी साध्वी प्रज्ञा साधना आर्या ने एक से बढ़कर एक संगीतमयी प्रवचन सुनायी।वानप्रस्थी राजेन्द्र मुनि ने कहा कि वेदों की शिक्षा के प्रकाश से समाज में अज्ञान, पाखंड,अंधविश्वास,कुरीतियों को खत्म किया जा सकता है।इसी को सनातन धर्म भी कहा जाता है।संचालन राजेंद्र प्रसाद मुनि ने किया।इस मौके पर सुनील देव जी महाराज,श्रेयांश आर्य, अशोक आर्य,सत्यम आर्य,कृष्ण मोहन आर्य,अखिलेश आर्य, महादेव साव,अवनीश आर्य, खुशबू आर्या,धर्मराज मोदनवाल, रामकिशुन,रविन्द्र कश्यप आदि लोग मौजूद थे।