
अतरौलिया आजमगढ़ स्थानीय क्षेत्र के पंचपेड़वा आश्रम( बड़का खपुरा) में आयोजित नव दिवसीय श्री शतचंडी महायज्ञ के चौथे दिन भी श्रद्धालुओं की भारी भीड़ उमड़ पड़ी। कथा वाचक विनोदानंद सरस्वती जी महाराज प्रयागराज द्वारा कथा में बताया गया कि जब पति-पत्नी एक-दूसरे पर भरोसा नहीं करते हैं तो वैवाहिक जीवन में अशांति होना तय है, अगर भरोसा नहीं होगा तो सबकुछ बर्बाद हो सकता है। भरोसा न हो तो वाद-विवाद होते रहते हैं, इसका बुरा असर दूसरे कामों पर भी होता है। इसीलिए पति-पत्नी को प्रयास करना चाहिए कि उनके बीच अविश्वास जैसी स्थिति न बने। अविश्वास होगा तो वैवाहिक रिश्ता टूट भी सकता है। श्रीरामचरित मानस में शिव-सती का एक प्रसंग बताया गया है। शिव और सती, अगस्त ऋषि के आश्रम में रामकथा सुनने गए। सती को यह थोड़ा अजीब लगा कि श्रीराम शिव के आराध्य देव हैं। सती का ध्यान कथा में नहीं रहा और पूरा समय सोचने में बिता दिया। आयोजन पंडित चंद्रेश जी महाराज ने आए हुए भक्तों से से रामकथा सुनने का आवाहन किया।