
(जुबेर अहमद एवं हाफिज नियामत की रिपोर्ट)
*जिलाधिकारी से पैमाइस के लिये आस लगाये बैठे काश्तकार*
जौनपुर लगभग 5 वर्षों से लाइन बाजार थाना क्षेत्र के सदर तहसील के मंडीवर पचहटिया का एक मामला ज़मीन पैमाइश का अधर में लटका हुआ है। उक्त प्रकरण का प्रार्थना पत्र जिले में आये तेज तर्रार जिलाधिकारी डा. दिनेश चंद्र के सामने पहुंच चुका है जिसमें गरीब काश्तकार नवनियुक्त जिलाधिकारी से मामले को जल्द से जल्द हल करवाने की आस लगये बैठे हैं। उक्त प्रकरण में राजस्व निरीक्षक अखिलेश पाठक, लेखपाल विजय मिश्रा, लेखपाल संजय सिंह ने काश्तकारों से लाखों रुपए व ज़मीन लिखवाने के बाद भी उक्त ज़मीन की पैमाईश नहीं करवाया। काश्तकार तहसील के चक्कर लगाते लगाते जब थक गए तब इन लोगों ने निवर्तमान डीएम रविंद्र मांदड़ से गुहार लगाई जिसमें निवर्तमान जिलाधिकारी द्वारा एडीएम के हाथ में जांच कर उक्त मामले को हल करने के लिए कहा गया परंतु अभी तक रिपोर्ट डीएम कार्यालय नहीं पहुंची। शिकायकर्ता को कभी एसडीएम सदर के यहां बुलाया जाता था तो कभी तहसीलदार के यहां। यह भी बताया जाता है कि उक्त मामले में शिकायतकर्ताओं का 3 बार बयान लिया जा चुका है परंतु अभी तक मामला ठंडे बस्ते में पड़ा हुआ है। काश्तकार सुशील, मो0 अकरम, सेवाराम, गंगाराम, सैय्यद आकिब हुसैन, मुनौवर तहसील के चक्कर लगाते लगाते थक गए हैं।
सूत्रों के अनुसार हल्का लेखपाल विजय मिश्रा, लेखपाल संजय सिंह, राजस्व निरीक्षक अखिलेश पाठक आदि इन लोगों द्वारा निवर्तमान डीएम रविंद्र मांदड़ को दिए गए प्रार्थना पत्र से खिन्न होकर उक्त काश्तकारों को फर्जी मुकदमे आदि में फसाने की साजिश कर रहे हैं। पूरे प्रकरण की जानकारी लिखित रूप से तहसीलदार सदर को भी दी जा चुकी है। पैमाइश के नाम पर कानूनगो अखिलेश पाठक, संजय सिंह लेखपाल द्वारा इन 5 सालों में काश्तकारों से मोटी रकम कैश लगभग दो से ढाई लाख रुपये एवं अपनी पत्नी के खाते में भी हज़ारों रुपये लिया जा चुका है। कानूनगो अखिलेश पाठक ने दो—तीन साल दौड़ाने के बाद काश्तकार से कहा कि मेरे भाई को उसी आराजी में से कुछ भाग ज़मीन का लिख दो तो दस दिन में तुम्हारी बाउंड्रीवाल करवा देंगे। तब कानूनगो अखिलेश पाठक के पट्टीदार भाई कमलेश पाठक ने अपनी पत्नी के नाम ज़मीन का कुछ भाग लिखवा लिया था। सभी साक्ष्य डीएम कार्यालय में जमा कर दिये गए थे जिस पर कार्यवाही करने का आश्वासन निवर्तमान डीएम रविंद्र कुमार मांदड़ द्वारा दिया गया था।
इतना सब कुछ लेने के बावजूद भी पैरवी करने जाने पर काश्तकारों और ज़मीन लिखने का दबाव बनाया जाता है जबकि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने अभी कुछ माह पूर्व उत्तर प्रदेश में ज़मीन पैमाश के नाम पर हो रही धनउगाही पर नाराजगी दिखाई थी जिसमें सख्त कार्यवाही का आदेश भी दिया गया था। अब देखना है कि जिले के इस प्रकरण में नवनियुक्त जिलाधिकारी डॉ दिनेश चंद्र कब कार्यवाही का आदेश देते हैं जिससे पिछले 5 सालों से तहसील का चक्कर काट रहे इन गरीब काश्तकारों को छुटकारा मिल सके।