
कोलकाता के आर जी कर अस्पताल में प्रशिक्षु महिला डाक्टर के साथ हुए रेप और हत्या के विरोध में टीएमसी से त्यागपत्र देने वाले राज्यसभा सांसद जवाहर सरकार ने राज्यसभा की सदस्यता से भी इस्तीफा दे दिया है, उन्होंने गुरूवार को उप राष्ट्रपति जगदीप धनखड़ से मुलाकात कर अपना इस्तीफा सौंप दिया, पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी सहित तमाम टीएमसी के नेताओं ने उन्हें मनाने की लगातार पूरी कोशिश की परंतु उन्हें मनाने में पूरी तरह नाकाम रहे, उनके त्यागपत्र से तृणमूल कांग्रेस को बड़ा झटका माना जा रहा है, नौकरशाह से राजनीतिज्ञ बने जवाहर सरकार की छवि एक ईमानदार और बेबाक नेता के रूप में जानी जाती है, इसके पूर्व 8 सितंबर को उन्होंने टीएमसी से त्यागपत्र देने की घोषणा करते हुए पश्चिम बंगाल में कट मनी सिस्टम पर भी सवाल उठाए थे और उन्होंने टीएमसी नेताओं के भूमिका की आलोचना की थी, जवाहर सरकार ने उप राष्ट्रपति को त्यागपत्र देने की तस्वीर अपने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X पर साझा की और लिखा सर मेरा समय समाप्त हो गया है, उन्होंने उपराष्ट्रपति और राज्यसभा के सभापति को संसद भवन में अपना इस्तीफा सौंप दिया और उन्होंने कहा अब मैं बोलने और लिखने के लिए पूरी तरह से आजाद हूं, उन्होंने कहा अब मैं तानाशाही सांप्रदायिकता और भ्रष्टाचार के खिलाफ अपनी लड़ाई को और मजबूत करूंगा, उन्होंने प्रशिक्षु महिला डॉक्टर की रेप और हत्या पर मुख्यमंत्री ममता बनर्जी की भूमिका पर सवाल उठाने के साथ ही सरकार और पार्टी में बढ़ते भ्रष्टाचार को लेकर भी लगातार सवाल उठाए हैं उनका इस्तीफा टीएमसी के लिए बड़ा झटका माना जा रहा है।