
आजमगढ़ में बसपा छोड़ कर भाजपा में शामिल हुए पूर्व विधायक व अलीगढ़ विश्वविद्यालय के पूर्व अध्यक्ष डॉ. हाफिज इरशाद व तमाम मुसलमानों ने जनता न्यूज को दिए, अपने इंटरव्यू में सपा सुप्रीमो अखिलेश यादव को आड़े हाथों लेते हुए कहा, कि अखिलेश यादव ने मुसलमानों के साथ साजिश करके उनकी राजनीतिक हत्या कराने का कार्य किया है । उन्होंने कहा कि भाजपा ऐसी पार्टी ही, इस देश में बची है, जो राष्ट्र वाद, देश की एकता, देश की अखंडता, और देश के खुशहाली के नरेन्द्र मोदी जी के नेतृत्व में पार्टी काम कर रही है, जिस आधार पर किसी देश को विश्व गुरु बनाया जा सकता है, उन सारे मुद्दों को लेकर नरेंद्र मोदी जी लेकर चल रहे हैं, इस लिए मैं प्रभावित हो कर के भाजपा को ज्वाइन किया है, भाजपा के प्रति जो मुसलमानों की आम धारणा बनी हुई है, वह गलत धारणा है, मुसलमानों को पूरी की पूरी आजादी भारतीय जनता पार्टी ने दी है, गरीब मुसलमानों, शोषित व गरीब व पिछड़ों के बोलने व उनके अधिकारों के रक्षा के लिए पूरी आजादी मिली हुई है ।
इस पार्टी में रहकर देश को आगे बढ़ाया जा सकता हैं, कहा कि पीडीए क्या है, अखिलेश जी बताएंगे, पीडीए में कौन है, मुझे नहीं कहना चाहिए, जितने भी मुस्लिम लीडर शीप रही, उनकी समाजवादी पार्टी ने राजनीतिक हत्या अखिलेश जी के नेतृत्व में कर दिया गया है । एक सवाल के जबाब में कहा कि मुसलमानों पर भाजपा ने मुकदमा दर्ज नहीं कराया, बल्कि इन्हीं (सपा) के जमाने में दर्ज हुआ, जीन लोगों के नाम उछाल रहे हैं, उनके विरुद्ध इन्हीं के जमाने में मुकदमा दर्ज हुए, इन्हीं के जमाने में पांच पांच साल तक जेल में काटा, तो इसमें भाजपा का कहां दोष है, आजम खान के ऊपर जो भी कार्यवाही हुई, इनके इशारे पर हुई है, अतिक को पहले धक्का मार कर निकाला था, मुख्तार अंसारी को गठबंधन से बाहर किया, उसी मुद्दों को लेकर मुलायम व शिवपाल यादव नाराज हुए, और पार्टी टूट गई थी, शिवपाल यादव अलग हो गए थे, राजनीतिक खेल तो अखिलेश यादव ने खुद किया था, अखिलेश यादव बता दें कि एक भी मुस्लिम लीडर को प्रदेश में कोई जानता हो, अखिलेश किस दलित, मुस्लिम की बात करते हैं, क्या सैफई परिवार के चंद यादव परिवार ही पिछड़ों में आते हैं, और लोग पिछड़े नहीं है, इन्होंने असल चेहरा मुजफ्फरनगर में भी दिखाया, प्रतापगढ़ और बरेली में दिखाया था, इन्होंने जगह जगह अपना चेहरा दिखाया था, मुसलमानों की राजनीतिक हत्या कराई, कहा कि मैं नाम नहीं लूंगा, इसी जिले के एक बड़े नेता हैं, और महाराष्ट्र में राजनीति करते हैं, प्रतापगढ़ के दंगा के मामले में एक बयान दे दिया था, तो इन्होंने नाराजगी इतना जाहिर कर दिया था, कि ऐ 10 दिन मिलने का लखनऊ में प्रयास करते रहे, और अखिलेश यादव मिले नहीं, जब उन्होंने खंडन किया तब जाकर मिले, समाजवादी पार्टी की सरकार में बड़े जानवर के काटने का एक भी लाइसेंस जारी नहीं किया गया, आजम खान की मिनीस्ट्री में एक लाइसेंस रिनीवल नहीं हुआ । भाजपा सरकार में मीट काटने का लाइसेंस दिए जा रहे हैं । लोहारा में जो कुर्बानी रोकी गई, वह सपा की सरकार थी, मुलायमसिंह यादव मुख्यमंत्री थे, राम दर्शन यादव विधायक थे व दरोगा सरोज सांसद थे । मायावती से दलितों मोह भंग हो चुका है, कहा कि गरीब मुसलमान को आवास, जिसको खाना नहीं मिलता था राशन मिल रहा है, तमाम आयुष्मान कार्ड बना है, 95% मुसलमान आज भाजपा को वोट दे रहा है, केवल 5% जो मुसलमान जो बड़े वर्ग से आते हैं, वही केवल सपा को वोट कर रहे हैं ।