
उत्तर प्रदेश कांग्रेस की सभी कमेटियां दिसंबर माह में भंग कर दी गयी थी। नई कमेटी में किस किस को स्थान मिलेगा इस पर सबकी नजरें टिकी हुई हैं। सन 2019 में लोकसभा चुनाव के समय प्रियंका गांधी को उत्तर प्रदेश का प्रभारी नियुक्त किया गया था उस दौरान उन्होंने कांग्रेस को मजबूत करने के लिये प्रयोग के तौर पर तमाम पुराने चेहरों को नजरअंदाज कर नये चेहरों को अहम जिम्मेदारी सौंपी थी उसके बावजूद भी 2019 लोकसभा चुनाव और 2022 के विधानसभा चुनाव में कांग्रेस कोई करिश्मा नहीं कर सकी यहां तक की उत्तर प्रदेश के 2022 के विधानसभा चुनाव में कांग्रेस को कहीं कहीं नोटा से भी कम वोट मिला था। उत्तर प्रदेश कांग्रेस के दरकिनार किये गये तमाम नेता कोई तवज्जो ना मिलने के कारण निराश होकर घर बैठ गये और तमाम नेता कांग्रेस छोड़ कर दूसरे दलों में चले गये। प्रियंका गांधी के वायनाड से सांसद चुने जाने के बाद प्रियंका गांधी की अनुपस्थिति मे अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी के महासचिव उत्तर प्रदेश के प्रभारी अविनाश पांडेय की देखरेख में उत्तर प्रदेश कांग्रेस की कमेटियां गठित की जा रही हैं। प्रियंका गांधी के उत्तर प्रदेश कांग्रेस के प्रभार के दौरान गठित की गयी कांग्रेस कमेटी से जिन नेताओं को दरकिनार किया गया था उन नेताओं को पुनः नयी कमेटी में स्थान पाने की उम्मीद बढ़ गयी है। प्रियंका गांधी के प्रभारी रहने के दौरान जिन नेताओं को महत्वपूर्ण जिम्मेदारी मिली थी वह भी नयी कमेटी में अपनी महत्वपूर्ण भूमिका बनाये रखना चाहते हैं। सूत्रों के अनुसार उत्तर प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष अजय राय से नये और पुराने कांग्रेस नेता लगातार मुलाकात कर रहे हैं उसमें उन नेताओं की संख्या अधिक है जो लगभग पाँच वर्षों से हाशिये पर थे। सूत्रों के अनुसार उत्तर प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष अजय राय नये और पुराने दोनों कांग्रेसियों में सामंजस्य बिठाकर आगे बढ़ना चाहते हैं। अब आगे यह देखना होगा कि प्रियंका गांधी के जो करीबी नेता महत्वपूर्ण भूमिका में रहे हैं उन्हें नयी कमेटी में पुनः महत्वपूर्ण भूमिका मिलेगी अथवा नहीं अथवा कांग्रेस नये और पुराने नेताओं को साथ लेकर आगे बढ़ेगी। यह भविष्य में कांग्रेस की नयी कमेटी आने के बाद ही पता चल सकेगा।