बड़ी खबर: दाउदपुर की महिला प्रधान, 2 सचिवों ने मिलकर, तीन मरे हुए व्यक्ति सहित 77 डबल जॉब कार्ड पर लाखों रुपए का करा लिया भुगतान, 6 नौकरी से बर्खास्त

[google-translator]
आजमगढ़ । अजमतगढ़ ब्लॉक के दाउदपुर गांव की एक महिला प्रधान व दो सचिव सहित अन्य कर्मचारियों ने मिलकर नरेगा के तहत कुल 26 लख रुपए का तीन मरे हुए व्यक्ति सहित 77 डबल जॉब कार्ड के बदौलत भुगतान करा लिया, जब इस मामले की जांच हुई, तो इस मामले का खुलासा हुआ, इसके बाद महिला ग्राम प्रधान 2 सचिव सहित कुल आठ कर्मचारियों के ऊपर खंड विकास अधिकारी अजमतगढ़ ने जीयनपुर कोतवाली में मुकदमा पंजीकृत कराया, यही नहीं मुकदमा दर्ज होने के बाद प्रधान व सचिव से जहां नोटिस के माध्यम से 15 दिन के अंदर रुपया जमा करने का फरमान जारी हो गया, वहीं रोजगार सेवक सहित कुल 6 कर्मचारी को नौकरी से बर्खास्त भी कर दिया गया, सूत्रों के मुताबिक
जॉब कार्ड धारकों के भुगतान में की गई वित्तीय अनियमितता के 26 लाख रुपए की वसूली की नोटिस जारी की गई है, ग्राम प्रधान को 8 लाख, 2 सचिवों को चार-चार लाख रुपए 15 दिन के अंदर जमा करने की नोटिस दी गई है, ऐसा न होने पर 15 दिन के बाद आरसी जारी की जाएगी, बता दें कि अजमतगढ़ ब्लॉक के दाउदपुर ग्राम पंचायत में वर्ष 2014-15 से लेकर वर्ष 2024 25 वित्तीय वर्ष तक ग्राम पंचायत में पंजीकृत जॉब कार्ड धारकों के किए गए भुगतान में भारी अनियमितता बढ़ती गई, यही नहीं ग्राम प्रधान द्वारा 77 डबल जॉब कार्ड बनाकर शासन द्वारा जारी नियमों के विपरीत अनुचित तरीके से लोगों को लाभ पहुंचाया, यही नहीं तीन मरे हुए लोगों के खाते में भी मनरेगा का भुगतान करा दिया, यह मामला गांव के एक व्यक्ति ने मामला उच्च न्यायालय में पहुंचाया, उच्च न्यायालय के आदेश पर जिलाधिकारी विशाल भारद्वाज ने श्रम आयुक्त और संयुक्त जिला कार्यक्रम समन्वयक अधिकारी की टीम गठित कर जांच कराई, जांच में आरोप सही पाए गए, इसके बाद सोमवार को खंड विकास अधिकारी जितेंद्र कुमार मिश्रा ने ग्राम प्रधान, सचिव समेत 8 लोगों पर जीयनपुर कोतवाली में मुकदमा दर्ज कराया, इसके अलावा मंगलवार को उपायुक्त श्रम एवं रोजगार आयुक्त राम उदरेज यादव ने रोजगार सेवक अमरजीत चौधरी, दीपक यादव, शुभम यादव, भारत चौबे, घनश्याम और मधुबाला यादव की सेवा समाप्त कर दी, खंड विकास अधिकारी अजमतगढ़ जितेंद्र कुमार मिश्रा ने बताया कि गलत तरीके से किए गए भुगतान की वसूली के लिए नोटिस जारी कर दी गई है, ग्राम प्रधान से 8 लाख, तत्कालीन और वर्तमान ग्राम पंचायत अधिकारी से चार चार लाख और शेष धनराशि की वसूली रोजगार सेवकों और तकनीकी सहायक से करने के लिए नोटिस जारी की गई है, 15 दिन के अंदर पैसा ना जमा करने पर तहसील द्वारा वसूली के लिए आरसी जारी की जाएगी । बता दें कि इस मामले की जांच के लिए गांव के ही एक आदमी ने ब्लॉक से लेकर जिला मुख्यालय तक गुहार लगाई थी, लेकिन ऊंची पहुंच वाला प्रधान के प्रभाव में सारे अधिकारी आते गए, और जांच नहीं हो पाई, इसके बाद व्यक्ति द्वारा थक हार कर कोर्ट के शरण में जाना पड़ा । इसके बाद उक्त व्यक्ति ने कोर्ट में अपने वकील के माध्यम से पैरवी किया, और इसी का नतीजा है कि लंबी लड़ाई के बाद कोर्ट ने इस मामले को संज्ञान में लेते हुए जांच का आदेश दिया था । प्रधान के द्वारा इतने बड़ा गवन किए जाने की चर्चा चारों तरफ हो रही है ।
Tags: Azamgarh Janta news