
सगड़ी तहसील क्षेत्र के गोवर्धनपुर गांव में फर्जी कागजात तैयार कर साढे तीन बीघा जमीन अपने नाम दर्ज कराने के बाद आरोपियों ने बेच दिया
खबर विस्तार से
आजमगढ़ । सगड़ी तहसील क्षेत्र के गोवर्धनपुर गांव में मृतिका का फर्जी कागज तैयार कर आरोपियों ने पहले अपने नाम जमीन कराई इसके बाद उक्त जमीन को बेच दिया जब यह मामला पीड़ित पक्ष को पता चला तब वह कोर्ट के शरण में गया, और कोर्ट ने कानूनगो, लेखपाल, सेक्रेटरी और इसमें साजिश करता सहित कुल 14 लोगों पर मुकदमा पंजीकृत करने का आदेश दिया । इसके बाद महाराजगंज पुलिस ने
अंजना पत्नी रमेश चन्द तिवारी निवासीगण साकिम अहररिया खानूराय पोस्ट सरदहा बाजार, तहसील सगड़ी, आजमगढ़, रीता शुक्ला पत्नी रमेश चन्द शुक्ला निवासिनी माहुल तहसील फूलपुर आजमगढ़, सुनीता पत्नी भास्कर पाठक निवासी गोवर्धनपुर तहसील सगड़ी आजमगढ़, अशोक कुमार पाण्डेय पुत्र कैलाश नाथ पांडेय निवासी टीकरपैथान तहसील सगड़ी आजमगढ़, रंजय कुमार श्रीवास्तव पुत्र स्वर्गीय रमेश चन्द श्रीवास्तव निवासी रामदत्त पट्टी तहसील सगड़ी आजमगढ़, कैलाश पति पत्नी सभा मुनि निवासी पूरा गोविंद तहसील फूलपुर आजमगढ़, ओंकार मिश्रा पुत्र जनार्दन मिश्रा निवासी इटौरा साटन थाना महराजगंज जनपद आजमगढ़, सुनील पटेल पुत्र अज्ञात तत्कालीन हल्का लेखपाल मौजा गोवर्धनपुर थाना महाराजगंज तहसील सगड़ी जनपद आजमगढ़, उमाशंकर सिंह पुत्र अज्ञात पेशा नौकरी कानूनगो मौजा गोवर्धनपुर तहसील सगड़ी जनपद आजमगढ़, अखिलेश पांडेय पुत्र स्वर्गीय योगेन्द पांडेय, दीपक पांडेय पुत्र स्वर्गीय योगेंद्र पांडेय निवासी हटवार थाना बांसगांव जनपद गोरखपुर व उनके बेटे दिनेश पांडे पुत्र योगेंद्र पांडेय सहित कुल 14 लोगों के खिलाफ मुकदमा पंजीकृत कर पुलिस जांच शुरू कर दिया है । बता दें कि हरेन्द्र कुमार पाठक पुत्र स्वर्गीय रामदवर पाठक निवासी ग्राम गोवर्धनपुर थाना महराजगंज जनपद आजमगढ़, हालमुकाम मकान नं0 077 फेस 1 बीडीए कालोनी मठ लक्ष्मीपुर इज्जत नगर तहसील व जिला बरेली की आजी हंसराजी पत्नी अपरबल पाठक के नाम से ग्राम- गोवर्धनपुर में आराजी गाटा सं0-107 व ग्राम-बछौड़ा में गाटा सं0 28 व गाटा संख्या 92 में अंकित थी। आजी हंसराजी की मृत्यु दिनाक 11.09.1973 को हो गयी। आजी के मृत्योपरान्त हम वारिसान के हक में सीओ चकबन्दी के न्यायालय से दिनांक 26.04.1978 को एवं उसके उपरान्त सीओ के न्यायालय से दिनांक 30.11.1981 को फैसला हुआ। दोनों न्यायालयों में तथाकथित पुत्रियाँ उपस्थित थी, और विरोध किया था। उक्त फैसले के विरूद्ध तथाकथित लड़कियों ने डीडीसी के न्यायालय में अपील दाखिल किया, जो दिनांक 17.12.1997 को स्वीकार हुई। इस अपील के विरूद्ध रामदवर पाठक पुत्र शम्भू पाठक व राजेन्द्र पाठक पुत्र जिम्मी पाठक माननीय उच्च न्यायालय, इलाहाबाद में दिनांक 07 03.1998 को रिट संख्या 8415/1998 दाखिल किया, जो एडमिट हुई, और माननीय उच्च न्यायालय ने अपने आदेश में दर्शाया कि याची का कब्जा न हटाया जाय, और रिट के फैसले तक यथास्थिति बनाये रखा जाय। 3. यह कि उक्त रिट में बनाये गये विपक्षी (1) कैलाशपती (2) दिनेश पाण्डेय (3) अखिलेश पाण्डेय (4) दीपक पाण्डेय अपने अधिवक्ता के माध्यम से उक्त रिट में हाजिर हुए थे,, जबकि उन्हें भली-भाँति पता था, कि ये लोग विधिक वारिस नहीं हो सकते, इसमें तत्कालीन ओमकार मिश्रा ग्राम पंचायत अधिकारी ने रूपए लेकर अपने हस्ताक्षर व मुहर के साथ दिनांक 02.03.2006 को मृत्यु सर्टिफिकेट फर्जी जारी कर दिया । और हंसराजी के मृत्यु के सम्बन्ध में कोई पूछताछ और जांच-पड़ताल नहीं किया, तथा इस फर्जी सर्टीफिकेट के आधार पर ही आन-लाइन बरासत हेतु आवेदन किया गया, जो मो0न0-9451465732 का प्रयोग करके किया गया, जिसमें फैलाशपती की उम्र 80 वर्ष दिखायी गयी है, जिसकी ओटीपी सतीश चन्द तिवारी के फोन पर आयी थी। 4. यह कि उक्त कूटरचित रचना में तत्कालीन लेखपाल सुनील पटेल व कानूनगो उमाशंकर सिंह आर्थिक लाभ लेते हुए साजिश में शामिल होकर बिना किसी जाँच-पड़ताल के बिना कोई शपथ पत्र लिये, बिना दिनांक 05.10.2021 को बरासत की फर्जी कार्यवाही पूरी की। प्रार्थीगण को जब जालसाजी का पता चला, तब प्रार्थी ने जनसूचना अधिकार अधिनियम के तहत सूचना माँगी, जिस पर वर्तमान ग्रामपंचायत अधिकारी मोहम्मद आलम ने यह दर्शाया कि सरकारी अभिलेखों में हंसराजी की मृत्यु की तिथि दिनांक 11.09.1973 दर्ज है, दूसरे दिनांक 02.03.2006 को हंसराजी के मृत्यु की सर्टीफिकेट के सम्बन्ध में दर्शाया कि यह मेरे सरकारी रिकॉर्ड में उपलब्ध नहीं है, इस प्रकार मृतिका हंसराजी की मृत्यु सर्टिफिकेट जो अभियुक्तों द्वारा बनाई गई थी, कूट रचित रचना करके सरकारी दस्तावेजों में हेरा फेरी करके बनवाई गई थी । इसी मामले में महाराजगंज पुलिस ने इन 14 लोगों पर मुकदमा पंजीकृत कर जांच कर रही है ।