
उत्तर प्रदेश के नौ विधानसभा क्षेत्रों में होने वाले विधानसभा उपचुनावो में सूत्रों के अनुसार कांग्रेस अपना प्रत्याशी नहीं उतारेगी, गठबंधन के तहत सपा के प्रत्याशियों को कांग्रेस अपना समर्थन देगी, कांग्रेस ने सपा से उपचुनाव में 5 सीटों की मांग की थी, कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष अजय राय के अनुसार 5 सीटों का प्रस्ताव सपा को भेजा गया था, कांग्रेस ने उन्हीं सीटो की मांग की थी जिन सीटों पर 2022 विधानसभा चुनावों में भाजपा के प्रत्याशियों की हार हुई थी, लेकिन सपा और कांग्रेस के बीच उन सीटों पर बात नहीं बन पाई, कांग्रेस के तरफ से मझवा और फूलपुर की भी सीटे मांगी गई थी लेकिन समाजवादी पार्टी ने उन दोनों सीटों पर पहले ही प्रत्याशी घोषित दिए थे, गठबंधन के तहत सपा ने कांग्रेस के लिए गाजियाबाद और खैर विधानसभा की 2 सीटें छोड़ी हैं, इन दोनों सीटों पर कांग्रेस और सपा गठबंधन प्रत्याशियों को जीत हासिल करना आसान नहीं है जिसे कांग्रेस भलीभाँति जानती है, गाजियाबाद से कांग्रेस 22 वर्ष पहलें चुनाव जीती थी ऊसके बाद कभी नहीं जीत पायी, इसी तरह खैर विधानसभा क्षेत्र से कांग्रेस 40 वर्षों में कभी चुनाव नहीं जीत पायी, सूत्रों के मुताबिक कांग्रेस ने उत्तर प्रदेश में लोकसभा चुनाव में 6 सीटो पर जीत हासिल किया है उससे कांग्रेस कार्यकर्ताओं मनोबल बढ़ा है, विधानसभा उपचुनाव में पराजय का सामना कर कांग्रेस अपने कार्यकर्ताओं का मनोबल गिराना नहीं चाहती, हरियाणा में सपा को कांग्रेस ने एक भी सीट नहीं दिया था तब अखिलेश यादव ने यह कहा था कि भाजपा को हराने के लिए सपा कुर्बानी देने के लिए तैयार है, उसी तरह से मनमाफिक सीटें ना मिलने पर उत्तर प्रदेश में कांग्रेस भी कुर्बानी देने का मन बना रही है, सूत्रों के मुताबिक कांग्रेस अपने हिस्से की गाजियाबाद और खैर विधानसभा सीट बदलवाना चाहती थी लेकिन बात न बनने पर कांग्रेस ने विधानसभा उपचुनाव में अपना कोई प्रत्याशी नहीं उतारने का फैसला किया है।