
लालगंज (आजमगढ़) । सरस्वती शिशु एवं विद्या मंदिर कोटा खुर्द पर जिले के समस्त प्रधानाचार्यो की मासिक बैठक शनिवार को भारतीय शिक्षा समिति आजमगढ़ के जिला अध्यक्ष प्रेमनाथ सिंह की अध्यक्षता में संपन्न हुई। बैठक का शुभारंभ ज्ञान की देवी मां सरस्वती के चित्र का अनावरण
करके किया गया। बैठक दो सत्रों में चली। बैठक में उपस्थित सभी प्रधानाचार्यो एवं जिले के पदाधिकारियों व प्रबंध समिति के पदाधिकारी को बैज लगाकर एवं अंग वस्त्र देकर सम्मानित किया गया। विद्यालय के प्रधानाचार्य बृजभूषण त्रिपाठी ने आगंतुक सभी प्रधानाचार्यों के प्रति आभार व्यक्त किया। प्रथम सत्र में भारतीय शिक्षा समिति के प्रदेश अध्यक्ष अवध नरायन मिश्र ने कहा कि भारतीय शिक्षा समिति से चलने वाले समस्त विद्यालयों में छात्रों में ज्ञानार्जुन के साथ-साथ भारतीय संस्कृति की शिक्षा देने का भी काम होता हैं। सरस्वती शिशु मंदिर में पढ़ा हुआ छात्र अपने गुरुजनों, मांता-पिता अपने कुटुंबियों के साथ-साथ समाज के सभी वर्गों के प्रति आदर और सम्मान का भाव रखता है। उसमें वसुधैव कुटुंबकम का भाव भरा होता है। द्वितीय सत्र में जिला मंत्री दुर्गा प्रसाद अस्थाना और संभाग निरीक्षक दिवाकर राम त्रिपाठी ने सभी प्रधानाचार्यों से वर्तमान समय में विद्यालयों में नामांकित छात्र-छात्राओं का वृत्त लिया, तथा भविष्य में कितने नामांकन हो सकते हैं, इसका टारगेट भी दिया । प्रधनाचार्यों से अंग्रेजी माध्यम से चल रहे विद्यालयों से अच्छी गुणवत्ता युक्त शिक्षा देने का सुझाव दिया, ताकि क्षेत्र के अभिभावक अपने बच्चों को सरस्वती शिशु मंदिर में पढ़ने के लिए भेजें । भारतीय शिक्षा समिति के कोषाध्यक्ष एवं विद्यालय के प्रबंधक उमा शंकर मिश्र व भारतीय शिक्षा समिति के उपाध्यक्ष ओम प्रकाश सिंह ने शिशु मंदिर कोटा खुर्द पर मासिक बैठक में आए जिले भर के सभी प्रधानाचार्यो का स्वागत किया। इस अवसर पर प्रदेश अध्यक्ष अवध नारायण मिश्र, जिला मंत्री दुर्गा प्रसाद अस्थाना, जिला उपाध्यक्ष ओमप्रकाश सिंह तिलखरा, जिला कोषाध्यक्ष उमाशंकर मिश्र, संभाग निरीक्षक दिवाकर राम त्रिपाठी, शिक्षक नेता अतुल सिंह, पूर्व जिला प्रचारक सुग्रीव जी, प्रधानाचार्य रामजतन यादव, अंशदार यादव, बृजभूषण शुक्ल, अर्चना सिंह, अंकिता मौर्य, रीता यादव, सुरेंद्र नाथ यादव धर्मराज चौहान मन्ता प्रसाद, वीरेंद्र मौर्य, कनक लता पाण्डेय, प्रमोद तिवारी, सच्चिदानंद पाल, आदि लोग विशेष रूप से उपस्थित थे।
