
आजमगढ़ । आज के दौर में जहाँ बड़े बड़े हार्डकोर अपराधिओं में क़ानून का भय देखने को मिल रहा है तो वहीं अब कुछ आपराधिक प्रवृति के लोग आम जनमानस के मज़बूरी व आवश्यकताओं का लाभ लेते हुए गैंग बनाकर आर्थिक अपराध को जन्म देने लगे है ताकि सीधे रूप से क़ानून के दायरे से बचे रहे । ऐसा ही एक मामला जिले के महराजगंज थाने में विगत दिनों दर्ज हुआ है । जहाँ गैंग के महराजगंज निवासी मारूफ पुत्र बसीर व उसका लड़का असफाक ने कस्बे के ही मोहम्मद सैफ पुत्र मुमताज़ अहमद व दानिश पुत्र सेराजुद्दीन जो कि कस्बे में ही छोटी सी कपडे की दुकान चलाते थे, उन्हें विदेश में अच्छी नौकरी के नाम पर अपना शिकार बनाया, और उन्हें गैंग के मुखिया वलीदपुर भीरा निवासी जमीर आलम खान उर्फ़ राजू खान पुत्र शरीफ खान व लड़का अब्दुल अजीम खान से मिलाया, और मलेशिया में वेटर के स्थायी पद पर नौकरी की बात बताकर प्रति व्यक्ति एक लाख पचास हजार के हिसाब से तय किया, गैंग के लोगों ने शिकायत कर्ता से दो लाख पचास हजार नगद व तीस हजार खाते से लिया, तथा विदेश भेज दिया, जहाँ उन दोंनो बच्चों को कमरे में कैद कर पास पोर्ट ले लिया, और दैनिक मजदूर के रूप में लोडिंग, अनलोडिंग का काम कराने लगे । दोंनो बच्चे किसी तरह से भारत में परिवार को सूचित किया ।परिवार के लोग किसी तरह से बच्चों को वापस बुलाया और इसकी शिकायत गैंग के मुखिया सहित मारूफ व उसके लडके असफाक से की, तो गैंग के लोग पीड़ित बच्चों सहित परिवार के साथ बदशलुकी और पैसा न देने तथा जान से मारने की धमकी देने लगे । जिसपर पीड़ित परिवार के लोगों ने पुलिस में शिकायत दर्ज कराई । पुलिस प्राथमिक जाँच कर गैंग के विरुद्ध मुक़दमा पंजीकृत कर लिया है । गपीड़ित का कहना है कि मुक़दमा पंजीकृत हुए कई दिन बीत चुके है फिर भी गैंग के लोग बेखौफ़ घूम रहे है और पुलिस कोई कार्यवाही नहीं कर रही है ।