
लालगंज) आजमगढ़ । स्थानीय नगर के रेतवां चन्द्रभान पुर में भगवान श्री परशुराम तथा पंचमुखी हनुमान जी की मूर्ति की हुई प्राण प्रतिष्ठा। कुछ समय पहले भगवान परशुराम की मूर्ति की स्थापना हुई तत्पश्चात ,पच मुखी हनुमान जी की मूर्ति की प्राण प्रतिष्ठा हुई। श्री हनुमान जी कलयुग के सर्वश्रेष्ठ देवता हैं।उनकी उपासना सद्य: फलदायी होती है। श्री हनुमान जी की गुरु के रूप में भी उपासना की जाती है। जय, जय ,जय हनुमान गोसाईं कृपा करहु गुरुदेव की नाईं। जैसे गुरु अपने शिष्य की रक्षा करता है मार्गदर्शन करता है ।उसी तरह हे बजरंगबली !आप मेरा मार्गदर्शन करें, मेरी रक्षा करें। भगवान श्री परशुराम भगवान श्री विष्णु के छठवें अवतार माने जाते हैं। भगवान परशुराम जी एवं श्री हनुमान जी चिरंजीवी हैं। कल्कि अवतार भगवान विष्णु का दसवां और अंतिम अवतार होगा। कल्कि पुराण में कहा गया है कि भगवान कल्कि को परशुराम जी द्वारा मार्गदर्शन प्राप्त होगा। किसी भी अवतार से पूर्व ईश्वरीय अंश विविध रूपों में उससे पहले ही आना प्रारंभ हो जाते हैं या विद्यमान रहते हैं। भगवान परशुराम रामावतार में भी थे।बजरंगबली भगवान श्री राम के सर्वश्रेष्ठ भक्त एवं सेवक हैं।रामावतार ,कृष्णावतार या भगवान राम के सभी अवतारों में उनके साथ रहते हैं। कलयुग में भगवान परशुराम और बजरंगबली की मूर्ति की प्राण प्रतिष्ठा कलयुग के अंत का संकेत देती है और कल्कि अवतार के प्राकट्य का पूर्वाभास कराती है । अयोध्या के सन्त विपिन बिहारी जी महाराज ने पंच दिवसीय राम कथा द्वारा श्रोताओं का मन मोह लिया। कार्यक्रम का शुभारंभ कलश यात्रा के साथ प्रारंभ हुआ ।मूर्ति के नगर भ्रमण के पश्चात प्राण प्रतिष्ठा हुई। तदुपरांत पंच दिवसीय राम कथा का आयोजन हुआ ।उसके बाद विशाल भंडारे के आयोजन के साथ कार्यक्रम का समापन हुआ। इस अवसर पर उदय भान तिवारी, सूबेदार तिवारी, दी बार एसोसिएशन लालगंज के अध्यक्ष नगेन्द्र सिंह, पूर्व प्रधानाचार्य ओम प्रकाश सिंह तिलखरा,मंडल अध्यक्ष अरुण सिंह ,रजनीकांत त्रिपाठी, आशीष तिवारी,अजय तिवारी, राम विलास तिवारी, जितेन्द्र मिश्र, रविशंकर, राम अवतार चौहान, धर्म राज, नरेन्द्र चौरसिया, अविनाश उर्फ रिंकू राय आदि लोग विशेष रूप से उपस्थित थे।