
माहुल (आजमगढ)। परिषदीय विद्यालयों में अध्ययनरत छात्र छात्राओं के लिए शासन द्वारा निःशुल्क पुस्तकों का वितरण किया जाता है। सरकार द्वारा निशुल्क पुस्तकों के साथ ही विद्यालय तक पुस्तकें पहुचाने के लिए बजट भी दिया गया है। इसके बावजूद गुरुजी किताबें ढोने को मजबूर हैं। शासन ने निशुल्क बांटी जाने वाली किताबों को स्कूल तक पहुंचाने के लिए भाड़ा दिए जाने की व्यवस्था की है। उधर शासन ने देर से किताबो को पहुंचाने के लिए भाड़ा भी भेज दिया है। शिक्षा क्षेत्र पवई में 94 प्राथमिक विद्यालय, 30 उच्च प्राथमिक विद्यालय और 25 कंपोजिट विद्यालय संचालित हो रहे हैं। इनमें कक्षा एक से आठ तक कक्षाओं में पढ़ने वाले बच्चों के लिए निशुल्क पुस्तक वितरण योजना चल रही है। इन्हीं किताबों का वितरण विभाग द्वारा कराया जा रहा है। पवई ब्लॉक में न्याय पंचायत स्तर पर किताबें पहुंचाई गई है। जहां से शिक्षकों द्वारा किताबों को ढोकर स्कूल तक ले जा रहे हैं। जबकि शासन द्वारा यह कहा गया था कि किताब स्कूल तक पहुंचाई जाएगी।
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विद्यालयों तक पुस्तकें पहुचाने का आदेश है। अभी एनपीआरसी तक पुस्तकें पहुँची हैं। पिकअप से विद्यालयों तक पहुचायी जाती हैं। रास्ते ना होने से दिक्कत होती है। यदि शिक्षक खुद की बाइक और कार से ले जा रहे हैं तो गलत है। बीईओ पवई से अभी पूछता हूँ कि ऐसा क्यों हो रहा है।
राजीव पाठक, जिला बेसिक शिक्षाधिकारी आजमगढ़।