
आजमगढ़ । जिलाधिकारी विशाल भारद्वाज के निर्देश पर सोमवार को पवई विकास खंड के राजापुर माफी गांव में बने अमृत सरोवर और प्रधान द्वारा कराए गए, किसानों के खेतो के समतलीकरण में अनियमितता की जांच गठित टीम द्वारा की गई। दो घंटे तक चली गहन जांच में कोई अनियमितता नही मिली और जांच टीम संतुष्ट होकर चली गई। मौके पर शिकायत कर्ता के अलावा ग्रामसभा के 100 से अधिक लोग मौजूद रहे। ग्राम पंचायत राजापुर माफी के राजस्व गांव मनरखुर्द निवासी
पूर्व प्रधान सियाराम यादव ने जून माह में जिलाधिकारी को दिए गए शिकायती पत्र में वर्तमान प्रधान बृजेश यादव पर आरोप लगाते हुए कहा था, कि ग्राम सभा में बने अमृत सरोवर का काम मनरेगा मजदूरों से कराने के बजाय जेसीबी मशीन द्वारा कराया गया, यही नहीं गांव के दो किसानों के खेतों का समतलीकरण कराए बगैर ही प्रधान और सिक्रेटरी द्वारा दो किसानों के नाम पर क्रमश: 87170 व 59364 रुपए के सरकारी धन का भुगतान करा लिया गया । जिलाधिकारी ने शिकायत को गंभीरता से लेते हुए मुख्य विकास अधिकारी को जांच टीम बना कर जांच कराने का निर्देश दिया। अधिकारियों के निर्देश पर सहायक विकास अधिकारी आईएसबी पवई के नेतृत्व में अतिरिक्त कार्यक्रम अधिकारी विनय कुमार यादव और तकनीकी सहायक सुमित कुमार यादव राजापुर माफी गांव में पहुंचे। वहां पहुंच कर टीम ने सर्व प्रथम किसान देवी दयाल और लालता प्रसाद के साथ उनके खेतो पर गए, जहां पर उन्हें खेत समतल मिला, और किसानों ने कहा कि शिकायत फर्जी है, और प्रधान द्वारा हमारे खेतो का समतलीकरण मनरेगा मजदूरों से कराया गया है। उसके बाद जांच टीम अमृत सरोवर पर पहुंची, जहां पर सैकड़ो ग्रामवासी इकट्ठा हो गए, और शिकायत कर्ता सियाराम यादव को बुलाने की मांग की। जांच टीम द्वारा उन्हें बुलाया गया, पर वे नही आए, उसके बाद जांच टीम ग्रामीणों का लिखित बयान लेकर चली गई।