
वोट के लिए नेताओं के गांव में प्रवेश को वर्जित किए हुए है, अब देखना यह है कि प्रशासनिक व राजनितिक अमला गांव वालों को वादों में फुसला ले जाता है, या फिर उनके समस्याओं का कोई वास्तविक हल भी निकलता है ।
खबर विस्तार
आजमगढ़ जनपद के महराजगंज ब्लाक के महाजी देवारा जदीद जमुनिहवा ग्राम सभा के लोगो ने जहां 2019 में भी लोकसभा चुनाव का बहिष्कार कर चुके थे, वहीं 2024 में भी सड़क नहीं तो वोट नहीं का ऐलान करके प्रशासन को सकते में डाल दिया है, सूत्रों के मताबिक, प्रशासन ग्रामीणों को मनाने में लगा है, इसके लिए बाकायदा बुधवार को ग्रामीणों ने बैनर के साथ प्रदर्शन भी किया, गांव वालों का कहना है कि भारत को आजादी मिले 75 साल से अधिक हो चूका है फ़िर भी गोपालपुर विधानसभा का देवारा क्षेत्र विकास के नाम से अछूता रहा है, जहां हर साल बाढ़ व बारिश के समय लोग अपने घरों से निकल तक नहीं पाते, और पानी के जीवों से दो चार होना पडता है, कभी कभी तो अपनी जान भी गवानी पड़ जाती है, गांव वालों ने बताया कि हर चुनाव में पार्टिओं के नेता यहाँ का वोट लेने के लिए आते तो है, परन्तु तराई क्षेत्र के गावों को मुख्य बंधे से जोड़ने वाले मार्गो और पुलों का निर्माण का वादा भी करते, और वोट लेने के बाद सब कुछ भूल जाते है, गांव वालों ने कहा कि सांसद – विधायक के जीतने के बाद मिलने पर वे रास्ते व पुल के निर्माण को कभी प्रशासनिक अडचन बताते है, तो कभी राजनितिक अडचन कि बात कह कर टाल देते है, गांव वालों ने बताया कि चिकनहवां ढाला पुल विगत 17सालों से इसी उपेक्षा व गैर जिम्मेदाराना रवैये का शिकार हुआ खड़ा है कोई भी नेता इसकी बात करना उचित नहीं समझ रहा, सिर्फ वोट लेने के लिए संपर्क साधने में लगा है, गांव के लोगों ने इस बार फिर देवारा विकास सेवा समिति के नेतृत्व में पुल और रोड के निर्माण को लेकर अपनी आवाज़ अवसर वादी नेताओं और प्रशासनिक अमला के कानों तक पहुँचाने में लगे है, गांव वालों ने गांव के बाहर व बंधे पर रोड नहीं तो वोट नहीं के बैनर- पोस्टर लगाकर वोट का बहिष्कार का निर्णय लिए हुए है, और वोट के लिए नेताओं के गांव में प्रवेश को वर्जित किए हुए है, अब देखना यह है कि प्रशासनिक व राजनितिक अमला गांव वालों को वादों में फुसला ले जाता है, या फिर उनके समस्याओं का कोई वास्तविक हल भी निकलता है ।