
माहुल (आजमगढ़)। स्थानीय नगर के प्राथमिक स्वास्थ केंद्र पर रविवार को लगाए गए जन आरोग्य स्वास्थ मेले में चिकित्सक तो थे, पर दवा नदारत थी। मरीजों को पैरासिटामाल तक नहीं दिया जा रहा था। इस समय संचारी रोग नियंत्रण अभियान चल रहा पर अस्पताल पर दवा का न मिलना सरकार की मंशा पर सवालिया निशान लगा रहा। सरकार द्वारा ग्रामीण क्षेत्रों में नागरिकों के स्वास्थ रक्षा के लिए प्रदेश के हर सामुदायिक और प्राथमिक स्वास्थ केंद्र पर माह के प्रत्येक रविवार को जन आरोग्य मेले का आयोजन किया जा रहा। पर माहुल प्राथमिक स्वास्थ केंद्र पर लगने वाले मेले में चिकित्सक और अस्पताल के सारे कर्मचारी मौजूद रहे पर अस्पताल में दवा न होने के कारण मरीज मायूस हो कर लौट जा रहे थे। दवा के आभाव में सुबह 10 बजे से दिन में एक बजे तक चिकित्सक मात्र चार मरीज ही देख सके थे। पूछने जाने पर कर्मचारियों ने बताया कि 23 जून को मंडलीय चिकित्सालय से यहां के लिए दवा की आपूर्ति हुई थी उसके बाद से अभी तक दवा नहीं मिली है। पिछले 10 सितंबर को दवा का मांगपत्र भी भेजा जा चुका है फिर भी अभी तक दवा की उपलब्धता सुनिश्चित नहीं हो सकी है। जो दवा उपलब्ध है उसी से काम चलाया जा रहा।क्षएक तरफ जहां संचारी रोग नियंत्रण अभियान चल रहा वही अस्पताल और जन आरोग्य स्वास्थ मेले में दवा की उपलब्धता न होना स्वास्थ विभाग की कार्य प्रणाली पर सवालिया निशान लगा रहा। इस संबंध में सामुदायिक स्वास्थ केंद्र अहरौला डा0 मोहन लाल का कहना है कि माहुल में फार्मासिस्ट नियुक्त न होने से जिले से दवा मिलने में परेशानी हो रही। अस्पताल का कोई भी कर्मचारी यदि दवा के लिए आता है तो हम यहां से दवा विकल्प के रूप में देते रहते है। मेले के लिए माहुल अस्पताल द्वारा कोई मांग दवा की नहीं किया गया है ।