
कथा वाचक विनोदानंद सरस्वती जी महाराज प्रयागराज द्वारा राम बनवास व सीता हरण प्रसंग पर की गई चर्चा
अतरौलिया आजमगढ़ स्थानीय क्षेत्र के पंचपेड़वा आश्रम( बड़का खपुरा) में आयोजित नव दिवसीय श्री शतचंडी महायज्ञ के तीसरे दिन भी श्रद्धालुओं की भारी भीड़ उमड़ पड़ी। कथा वाचक विनोदानंद सरस्वती जी महाराज प्रयागराज द्वारा राम बनवास व सीता हरण प्रसंग पर चर्चा करते हुए कहा कि पर्ण कुटी के नजदीक सोने का हिरण देख माता सीता के उसे पाने की जिद के साथ सीता के कहने पर श्रीराम माया रूपी मृग का पीछा करते हैं, हिरण श्रीराम को जंगल की ओर दूर लेकर चला गया। जब हिरण को बाण लगा तो वह मारीच के रूप में आ गया और हाय लक्ष्मण पुकारने लगा। यह सुन मां सीता को लगा कि श्रीराम संकट में हैं। उन्होंने उनकी रक्षा के लिए लक्ष्मण को भेजा। लक्ष्मण कुटिया के बाहर रेखा खींचकर उस ओर गए जहां से आवाज आई थी। तभी रावण ने साधु के वेश में आकर लक्ष्मण रेखा लांघते ही माता सीता का हरण कर लिया। भगवान राम अपने भाई लक्ष्मण के साथ माता सीता की खोज में किष्किंधा पर्वत पर पहुंचे। वहां हनुमान जी ने उनकी मित्रता सुग्रीव से कराई। संपूर्णानंद महाराज जी ने भी राम कथा पर विस्तार से प्रकाश डाला। आयोजक पंडित चंद्रेश जी महाराज ने श्रीमद् भागवत कथा का स्रोताओ को सोपान कराया। उन्होंने कहा कि सनातन धर्म के लिए 36 वर्षो से लगातार इस महायज्ञ का आयोजन होता आ रहा है जिसमें क्षेत्र के सभी लोगों का अपार जन सहयोग मिलता है। लोक कल्याण हेतु क्षेत्र की जनता से अपील करते हुए कहा कि अधिक से अधिक संख्या में आकर कथा का श्रवण करें और पुण्य के भागीदार बने। इस राम कथा का समापन 24 मार्च दिन सोमवार को होगा तत पश्चात एक विशाल भंडारे का आयोजन होगा जिसमें पहुंचकर जनमानस प्रसाद ग्रहण करें।