
अतरौलिया आजमगढ़ श्री नवदुर्गा पूजा समिति द्वारा आयोजित नौ दिवसीय श्रीराम कथा का भव्य शुभारंभ हुआ, नव दुर्गा पूजा समिति गोरहरपुर में विगत वर्ष की भांति इस चौथे वर्ष भी संगीतमय श्री राम कथा का आयोजन किया गया। जिसमें भागवताचार्य पंडित चन्द्रेश जी महाराज ने अपने मधुर वाणी से राम कथा का लोगों को रसपान कराया। पहले दिन की राम कथा में उन्होंने बताया की श्रीराम कथा से पहले, भगवान शिव ने माता पार्वती को एक कथा सुनाई थी, यह कथा, भगवान शिव ने काकभुसुंडि जी के आश्रम में स्थित नीलाचल पर हंस रूप में जाकर सुनी थी, इसके बाद, भुसुंडि जी ने हंस रूपी भगवान शिव को यह कथा सुनाई थी। सबसे पहले रामायण भगवन शंकर ने देवी पार्वती को सुनाई थी। वहां पर उस कथा को एक कौवे ने सुना जो आगे जाकर काकभुशुण्डि बने। काक भुशुण्डि ने ये कथा ऋषियों और गरुड़ को सुनाई थी। वाल्मीकि रामायण उसके बाद लिखी गयी।उन्होंने कहा कि महाशिवरात्रि के दिन भगवान महादेव ने देवी सती से विवाह किया था। पौराणिक कथाओं के अनुसार, महाशिवरात्रि के दिन भगवान शिव और माता सती का विवाह हरिद्वार के दक्ष मंदिर में हुआ था। सती ब्रह्मा के पुत्र दक्ष की पुत्रियों में से एक थीं। संगीतमय इस नौ दिवसीय श्री राम कथा का श्रवण करने के लिए दूर-दूर से श्रद्धालु पहुंच रहे है तथा संगीतमय राम कथा सुनकर पुण्य के भागीदार बन रहे है। नौ दिवसीय श्री राम कथा के उपरांत एक भव्य विशाल भंडारे का भी आयोजन भी किया गया है जिसमें हजारों की संख्या में पहुंच कर लोग प्रसाद ग्रहण करते हैं। कथा समापन एवं पूर्णाहुति 11 अक्टूबर को होगी तथा भंडारा एवं प्रसाद वितरण कार्यक्रम 13 अक्टूबर को किया जाएगा।