
आजमगढ़ । लाल बिहारी मृतक दागी 48 वां जीवित मृतक दिवस पर 30 जुलाई को न्याय नहीं मिला तो राष्ट्रपति के सामने भूख हड़ताल करेंगे । उक्त जानकारी सोमवार को लाल बिहारी मृतक दागी ने दिया । उन्होंने कहा कि (न्याय दो या फांसी) देश में शोषण, उत्पीड़न, अन्याय, भ्रष्टाचार, घूसखोरी, मौलिक अधिकारों, मानव अधिकारों का हनन किया जा रहा है। लोकतंत्र के हत्यारे कुछ ऊँची कुर्सियों पर बैठे अपने पदों का दुर्पयोग कर रहे हैं । उन्होंने कहा कि मेरे जैसे लाखों-करोड़ों वादी-प्रतिवादीयों, न्याय की भीख मांग रहे है । उपजिलाधिकारी तहसील व थाना निजामाबाद जिला आजमगढ़ ग्राम खलीलाबाद लाल बिहारी मृतक दागी का पैत्रिक आबादी, मकान 65 एयर संयुक्त गाटा संख्या 86 क, 86 ख, 260 एयर में से 238 एयर खेल कूद का मैदान और 22 एयर आंगनवाडी केंद्र दिनांक-14-02-2022 को टोटल रकबा आदेश कर सुरक्षित कर दिया है । आंगनवाडी केंद्र और खेल कूद का मैदान की चारदिवारी, रास्ता नहीं बनाया जा रहा है । लाल बिहारी मृतक दागी अपने मकान पर जीवित मृतक स्तंभ, स्मारक का शिलान्यास सन् 2013 में कराया है । उप जिलाधिकारी तहसील निजामाबाद आजमगढ़ मुकदमा नं.163/03-09-2016 अंतर्गत धारा 38(1)रा0 संहिता 2006 के अन्तर्गत गाटा सं.87 रकबा 0.168 एयर पर पारित आदेश दिनांक-25-06-1994 के अनुपालन में पतिराम व बाबुराम पुत्रगण रामधारी का नाम निरस्त करके दिनांक- 07-09-2016 को उनके हिस्से की जमीन को भी खुनी संघर्ष कराने के लिए लाल बिहारी मृतक पुत्र स्व. चौथी के नाम अंकित कर दिया था । लाल बिहारी मृतक दागी के विरोध करने पर मुकदमा नं. 163 / दिनांक-16-01-2017 में 40 वर्ष बाद पुनः सहखातेदार दर्ज किया है । न्यायालय नायब तहसीलदार तहसील सदर जिला आजमगढ़ मुकदमा नं. 298 के अन्तर्गत दिनांक 30-07-1976 को ग्राम खलीलाबाद भू.राजस्व अभिलेखों में जीवित को मृत घोषित कर चचेरे भाइयों के नाम जमीन अंकित कर दिया था । मान-सम्मान, मौलिक अधिकारों हेतु 18 वर्ष संघर्ष करने के बाद मुख्य राजस्व अधिकारी व जिलाधिकारी आजमगढ़ ने दिनांक-30 जून 1994 में मुर्दा से पुनः जिन्दा कर दिया गया । माननीय हाईकोर्ट खंडपीठ लखनऊ में मुकदमा नं. 503 / 2005 में 25 करोड़ रुपया मानहानि के मुकदमा के दौरान सरकारी दोनों जीवित मृतक फाइल को गायब कर साक्ष्य मिटा दिया | थाना कोतवाली आजमगढ़ में मुकदमा नं.34 / 66 / 67 / 2018 में अज्ञात व्यक्तियों के विरुद्ध अधिकारियों ने दर्ज कराया है | दोषियों की गिरफ़्तारी और न्यायालय में चार्ज सीट नहीं दाखिल है | माँगा 25 करोड़ हर्जाना, मिला 10 हजार रुपया का जुर्माना। दिनांक-20 फरवरी 2023 को सरकार को गणित से मुकदमा ख़ारिज हो गया । दिनांक 7 जुलाई 2023 को सुप्रीमकोर्ट ने 10 हजार रुपया जुर्माना व मुकदमा भी ख़ारिज कर दिया । इस लड़ाई में करोड़ों की जमीन अमिलो की बिक गयी है | अपने साथ-साथ जनहित की लड़ाई जारी है । तहसीलों, चकबन्दियों, परिवार रजिस्टरों के अभिलेखों में जीवित को मृत घोषित करने और धोखाधड़ी, भ्रष्टाचार, अन्याय, घूसखोरी द्वारा दूसरों की जमीनों, मकानों को हड़पने, सैकड़ों वर्षों से बसे पोखरा-पोखरी, बाहा, तालाब, खेत-खरिहान, उसर, बंजर, खुस्की, बैनामो, कल-कारखाना, उद्योग, बंद फैक्ट्री, सरकारी नौकरियों से निराश बेरोजगारों, संविदा, ठेकेदारी, झाड़ू-कूड़ा फेकने वाले 80 करोड़ भुखमरी के शिकार किसान निधि का पैसा लेने वाले कृषि मजदूरों, सरकारी या पशुओं का फसलों पर आतंक, कर्ज में डूबे कर्जदारों, फर्जी मुकदमों में फसे पत्रकारों, छायाकारों, पुलिस उत्पीड़न के शिकार ड्राइवरों, दलितों, शोषितों, आदिवासियों, पिछड़ी जातियों, अल्पसंख्यकों, महिलाओं पर हो रहे अत्याचार, बलात्कार व पेंसन से वंचितों को संविधान, कानून, न्यायालय के सम्मान में मानसिक मुर्दों को जागरूक किया जा रहा है| अपने जमीन, मकानों के लिए अनावश्यक मुकदमा लड़ना पड़ेगा। न्याय के बदले मिलती रहेंगी तारीखें। कोर्ट कचहरी शोषण, अन्याय का स्थान बन गया है। कहा कि उपरोक्त विषयों पर त्वरित न्याय नहीं मिला तो मजबूर होकर 48 वां जीवित मृतक दिवस दिनांक-30 जुलाई 2024 को महामहिम राष्ट्रपति के समक्ष नई दिल्ली में धरना देने के लिए बाध्य हो जाऊंगा। इसकी सारी जिम्मेदारी, जान-माल की सुरक्षा शासन-प्रशासन की होगी । 
