
सगड़ी आजमगढ़ जीयनपुर कोतवाली क्षेत्र के डीबीएसके गर्ल्स डिग्री कॉलेज अज़मतगढ़ में सोमवार सुबह उस वक्त हड़कंप मच गया, जब चौकीदार दुर्गा प्रसाद यादव (65) का शव संदिग्ध परिस्थितियों में उनके ही कमरे में साड़ी के फंदे से झूलता मिला।
चौंकाने वाली बात यह थी कि कमरे का दरवाजा खुला हुआ था। रोज की तरह अन्य कॉलेज स्टाफ जब सुबह करीब 8 बजे पहुंचा, तो चौकीदार को न देखकर लोगो ने आवाज लगाई। इसी बीच किसी ने उनके कमरे की ओर देखा, तो वहां का नजारा दिल दहला देने वाला था। दुर्गा प्रसाद फंदे से लटके हुए थे और कमरा खुला हुआ था। यह देखकर कर्मचारियों में हड़कंप मच गया और तुरंत प्रवंधक तथा पुलिस को सूचना दी गई। शुरुआती नजर में यह आत्महत्या का मामला लग सकता है, लेकिन कई चीजें इस थ्योरी पर सवाल खड़े कर रही हैं।
• अगर यह आत्महत्या थी, तो दरवाजा क्यों खुला था?
• क्या कोई और व्यक्ति कमरे में मौजूद था, जिसने हत्या कर इसे आत्महत्या का रूप देने की कोशिश की?
• क्या चौकीदार ने खुद फांसी लगाई, या फिर किसी ने जबरदस्ती उन्हें मारकर लटका दिया?*
घटना की जानकारी मिलते ही जीयनपुर कोतवाली पुलिस और फोरेंसिक टीम मौके पर पहुंची। पुलिस ने शव को कब्जे में लेकर मंडलीय चिकित्सालय, आजमगढ़ भेज दिया और मामले की जांच शुरू कर दी है।
मृतक के परिजनों का कहना है कि दुर्गा प्रसाद मानसिक रूप से मजबूत व्यक्ति थे औरआत्महत्या करने का कोई कारण नहीं था। परिजनों का आरोप है कि यह सुनियोजित हत्या हो सकती है, जिसे आत्महत्या दिखाने की कोशिश की गई। परिजनों का यह भी कहना है कि वह पिछले 8 साल से कॉलेज में काम कर रहे थे। उनकी किसी से कोई दुश्मनी नहीं थी। लेकिन उनकी मौत सामान्य नहीं लग रही है। पुलिस को गहराई से जांच करनी चाहिए।
“इस घटना से कॉलेज स्टाफ, छात्राओं और स्थानीय लोग मर्महत् है। उनका मानना है कि इस मामले की निष्पक्ष जांच हो और अगर यह हत्या है, तो दोषियों को सख्त सजा मिले। अब सवाल यह है कि क्या दुर्गा प्रसाद की मौत एक साजिश का हिस्सा थी? क्या पुलिस इस मामले की परतें खोल पाएगी? इसका जवाब पोस्टमार्टम रिपोर्ट और आगे की जांच के बाद ही सामने आएगा।