आजमगढ़: अंतरराष्ट्रीय भोजपुरी संगम की अंतिम निशा में राष्ट्रीय अंतरराष्ट्रीय कवियों ने की भोजपुरी साहित्य की अद्भुत प्रस्तुति। अंतराष्ट्रीय भोजपुरी संगम की अंतिम निशा में प्रोफेसर गीता सिंह शिक्षक श्री की अध्यक्षता में अंतरराष्ट्रीय कवि सम्मेलन आयोजित किया गया। श्रीमती सरोज यादव ने सरस्वती वंदना करके अंतरराष्ट्रीय कवि सम्मेलन की शुरुआत की। श्री जय हिंद सिंह ने अपना गीत सुनाकर श्रोताओं को मंत्रमुग्ध कर दिया, अंतरराष्ट्रीय आयोजन की अध्यक्षता कर रहे, राष्ट्रीय अध्यक्ष वरिष्ठ सर्जन डॉक्टर निर्मल श्रीवास्तव ने कहा कि हम और सुनना चाहते थे। श्री देवेन्द्र तिवारी देव ने राष्ट्र गीत सुनाया। श्री रुद्र नाथ चौबे ने भी राष्ट्र गीत सुनाकर श्रोताओं को मंत्रमुग्ध कर दिया । श्री बालेदीन यादव बेसहारा ने गीत चिराई करै न चांव चांव, शहर मोर गांव हो गइल, कही न बा पिपरा का छांव शहर मोर गांव हो गइल सुनाया। श्री राकेश पांडेय सागर ने गीत काव्य कुसुम का गंध बा बिखरा दा चहू ओर गीत करे, आकाश से मन नाचे चहुओर सुनाया। श्री सोहन लाल गुप्ता जी ने गांच भोजपुरी के ई दिन रात फूले री बयार पुरवाई हव हौले ई डोंले री सुनाई। श्री शैलेन्द्र मोहन राय अटपट जी ने आपा खो दे, जब प्रिया करे वार पर वार और गीत घरे घरनी बनल तालिबान बा खतरा में जान बाय ना सुनाकर मंच की वाहवाही लूट ली। श्री लाल बहादुर चौरसिया लाल ने कब्बो जीत हो गइल कब्बो हार हो गइल सुनाया। श्रीमती सरोज यादव ने केथुवा क सार तू बटावले दियनवा सुनाकर मंच और श्रीताओं को मंत्र मुग्ध कर दिया। श्री शिव कुमार प्रियदर्शी जी ने अपना गीत सैया नोकरी करा छोड़ा नेता गिरिया तबही विकास होई हो सुनाया। श्री जनार्दन सिंह देवरिया ने हम कलम क जादूगर हम तोहके का लिख देई। श्रीमती बृजबाला श्रीवास्तव सुमन ने चला बार आई दियना झोपड़िया में गीत सुनाया। प्रोफेसर अखिलेश चन्द्र ने अपना सुप्रसिद्ध भोजपुरी गीत लेवे दिहे मोहे जनम हो सुनाकर श्रोताओं को मंत्रमुग्ध कर दिया। श्रीमती उषा शर्मा अंडमान निकोबार द्वीप समूह ने दीपन में जवन् दीप में रहे उस द्वीप से आइल बानी सुनाया। श्रीमती पूजा बहार नेपाल ने भी गीत सुनाकर मंच की वाह वाही बटोरी। डॉक्टर शिव कुमार निगम ट्रिनिडाड ने भी अपने गजलों से शाम को और सुंदर बनाया। डॉक्टर ईश्वर चंद्र त्रिपाठी ने वही बता जो तूने देखा है किताब की नजीर रहने दे मेरे चेहरे की झुर्रियां पढ़ ले हाथ की ये लकीर रहने दे, और शकुंतला खंड काव्य से छंद सुनाकर श्रोताओं को मंत्रमुग्ध कर दिया। अध्यक्षता कर रही प्रोफेसर गीता सिंह शिक्षक श्री ने अपना भोजपुरी गीत छूट जाई घर दुआर पाई पाई सजना नाही आई कावूनो काम ई कमाई सजना सुनाकर श्रोताओं को मंत्रमुग्ध कर दिया। कार्यक्रम के पूर्व सभी कवियों को स्मृति चिन्ह, अंगवस्त्रम और सम्मान पत्र देकर संस्था अध्यक्ष डॉक्टर निर्मल श्रीवास्तव और कार्यक्रम संयोजक श्री अरविंद चित्रांश ने सम्मानित किया। कार्यक्रम के अंत में डॉक्टर निर्मल श्रीवास्तव जी ने सभी का आभार किया, और अगले वर्ष पुनः अंतरराष्ट्रीय भोजपुरी संगम कराने की घोषणा के साथ कार्यक्रम के समापन की घोषणा की ।कवि सम्मेलन का कुशल और सफल संचालन डॉक्टर ईश्वर चंद्र त्रिपाठी ने किया। विशेष सहयोग कोषाध्यक्ष पवन श्रीवास्तव, प्रांजल पांडेय, मुख्य व्यवस्थापक राजेश श्रीवास्तव, सुभाष चंद्र श्रीवास्तव, जगदंबा प्रसाद श्रीवास्तव आदि ने किया