
अतरौलिया आजमगढ़ महाराज गुहराज निषाद जयंती पर एकलव्य नगर में बड़े ही धूमधाम से उनके चित्र पर पुष्प अर्पित कर जयंती मनाई गई जहां लोगो ने पूजन अर्चना के उपरांत ने अपने विचार व्यक्त किया। वहीं उपस्थित महिलाओं ने गीत के माध्यम से उनके जीवन पर प्रकास डाला। नगर पंचायत के पूर्व प्रत्याशी धर्मेंद्र निषाद राजू ने बताया की प्रतिवर्ष की भांति इस वर्ष भी एकलव्य नगर में बहुत ही निष्ठा पूर्वक भगवान निषाद गुहराज की जयंती मना रहे हैं जैसा की इतिहास में विदित है कि भगवान गुहराज निषाद श्री राम जी के शखा थे इनका जन्म चैत पंचमी को हुआ था और श्री राम का जन्म चैत्र रामनवमी को हुआ था यह दोनों बाल सखा थे। दोनों लोग राजा हुआ करते थे, उन्हीं की याद में लगभग 15 वर्षों से लगातार यह जयंती बड़े धूमधाम थे मनाई जा रही है। महाराज गुहराज निषाद ने त्रेतायुग में भगवान श्री राम को गंगा पार कराई थी। निषादराज, रामायण के मुताबिक, ऋंगवेरपुर के राजा थे. वे निषाद समाज के थे और मछुआरों और नाविकों के राजा थे. मान्यता है कि निषादराज ने ही वनवास के दौरान राम, सीता, और लक्ष्मण को गंगा पार करवाया था। सुभाष निषाद ने कहा कि हमारे पूर्वज व सृंगवेर पुर के महाराजा जो प्रभु श्री रामचंद्र जी के बाल सखा थे आज उनकी पावन पवित्र जयंती यहां मनाई जा रही है। श्यामजीत निषाद महात्मा ने कहा कि त्रेता युग में भगवान निषाद राज जी ने राम को पर लगाया था और उनके किले का अवशेष आज भी श्रृंगवेरपुर में प्रमाण के रूप में है उनके किले की दीवाल तकरीबन 10 से 15 किलोमीटर के दायरे में हुआ करती थी यह अपने आप में सोचनीय है। हजारों वर्षों से उनकी जयंती मनाई जा रही है। निषाद राज हम सब के पूजनीय है। इस मौके पर सुरेंद्र, सोनू, बुधिराम, राजेन्द्र, संतराम, सुभाष, ज्ञानधनी, संजय, अवधेश ,श्यामजीत, दीपक, आनंद, प्रेम बाबू, रामआसरे, राजेश आदि मौजूद रहे।