
मुबारकपुर आजमगढ़ रंगों का महान पर्व होली का त्यौहार बड़े हो हर्षॉल्लास के साथ ग्रामीण व कस्बा क्षेत्रों मनाया गया। इस वर्ष होली का त्यौहार और जुमा की नमाज़ एक साथ पड गया उसके बावजूद जुम्मे की नमाज़ और होली का रंगों का पर्व धूमधाम सौहार्द वातावरण में मनाया गया। मुस्लिम बाहुल्य कस्बा में दोनों सम्प्रदाय के लोगों ने गंगा जमुनी तहज़ीब की मिसाल पेश की जिसकी सराहना आसपास के क्षेत्रों में की गयी। होली के एक दिन पूर्व ही होली वाले स्थानो पर देर रात्रि होली का दहन किया और शुक्रवार को होली मनाई गई नगरपालिका क्षेत्रों में स्थित सभी मस्जिदों और जामा मस्जिदों की बाहरी दीवारों को तिरपाल लगाकर ढंक दिया गया था। ताकि शांति व्यवस्था में किसी प्रकार का खलल न पड़े। दोनों समुदायों के लोगों ने आपसी सौहार्द बनाए रखने में अपना योगदान दिया। होली का रंगारंग कार्यक्रम अपने निर्धारित समय तक बड़े हर्षॉल्लास के साथ खेला गया। जुमा की नमाज़ के बाद अबीर और ग़ुलाल का कार्यक्रम सम्पन्न हुआ दिन में ढाई बजे के बाद होली का जुलूस बुढ़वा की बारात नगरपालिका से निकाली गयी। जुलूस अपने निर्धारित रास्तों से गुज़रता हुआ देर शाम सम्पन्न हुआ। जुमे की नमाज़ और होली का कार्यक्रम को सकुशल सम्पन्न कराने के लिए भारी मात्रा में पुलिस फ़ोर्स की तैनाती रही। थानाध्यक्ष निरीक्षक निहार नंदन और कस्बा चौकी प्रभारी मुरारी मिश्रा अपने दलबल के साथ दोनों समुदायों की मिश्रित आबादी वाले क्षेत्रों में चक्रमण करते हुए सुरक्षा व्यवस्था की कमान संभाली दोनों कार्यक्रम सौहार्द पूर्वक सम्पन्न होने के बाद पुलिस प्रशासन से राहत की सांस ली। एक दिन पहले से ही सभी घरों में विभिन्न प्रकार के गोझीयां,लाल मोहन आदि प्रमुख व्यंजनों कि पकवान देर सायं तक बनाए और एक दुसरे से गले मिलकर लोगों ने गुलाल अबीर लगाकर मुबारक बाद दी।