
फूलपुर आजमगढ़ उर्दू के मशहूर शायर डाक्टर शउर आज़मी का निधन बुधवार को हो गया है।वह 72 वर्ष के थे।जानकारों के अनुसार उन्हें सांस लेने में तकलीफ हो रही थी।इसी के बाद उन्हें दिल का दौरा पड़ा जिसके बाद उन्होंने मुंबई में अंतिम सांस ली।वे मूल रूप से आजमगढ़ जिले के फूलपुर तहसील के चमावा गांव के रहने वाले थे।उनके पैतृक गांव चमावा में शोक व्याप्त है।उन्होंने कई पुस्तकें लिखीं शउर आज़मी को आसान भाषा में लिखे नौहा के लिए याद किया जाएगा। सांप्रदायिक सौहार्द की राह दिखाने वाले शउर को मुंबई के राज्यपाल ने पुरस्कार से भी नवाजा है।उनका आज भी लिखा हुआ नौहा अंजुमनों द्वारा पढ़ा जाता है।उनका पारिवारिक नाम डाक्टर सैयद क़ासिम मेंहदी है। जो काव्य की दुनिया में शउर आज़मी के नाम से जाना जाता है।उनकी लिखी हुई किताबें शऊर-ए-अरूज़ (बी.ए.के लिए) और फरहंग-ए-शऊर (एम.ए. के लिए)मुंबई विश्वविद्यालय के उर्दू पाठ्यक्रम में शामिल है।उनके अति करीबी मौलाना शकील फ़राज़ ने बताया कि डाक्टर शउर आज़मी को बृहस्पतिवार को मुम्बई स्थिति कब्रिस्तान में सुपुर्दे खाक कर दिया गया।उनके नमाजे जनाजा में आजमगढ़ सहित पूर्वाचल के कई जिलों के लोग शामिल थे।