
अधिवक्ताओं ने कहा भारतीय संविधान के अनुसार कर्यपालिका (प्रशासन) और न्यपालिका (अपील) के कार्य अलग-अलग निर्धारित है, और एक दूसरे के कार्यों में हस्तक्षेप नहीं कर सकते हैं
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आजमगढ़ । दी टैक्स बार एसोसिएशन मडया के अधिवक्ताओं ने एडिशनल कमिश्नर ग्रेट 2 (अपील) का मौन घेराव किया । घेराव का मुख्य उद्देश्य न्यायपालिका की स्वतंत्रता पर कार्यपालिका के बढ़ते हस्तक्षेप के विरुद्ध आवाज उठाना था । यह अभिनव विरोध प्रदर्शन दी उत्तर प्रदेश टैक्स बार एसोसिएशन (वाराणसी) की निष्पक्ष न्याय अभियान समिति के आह्वान पर आयोजित किया गया था । इस दौरान अधिवक्ताओं ने अपने मुंह पर सफेद पट्टी बांध कर अपील कार्यालय पहुंचे, और एडिशनल कमिश्नर को ज्ञापन सौंपा । इस दौरान अधिवक्ताओं ने एडिशनल कमिश्नर ग्रेड 2 (अपील) का 5 मिनट के लिए शांतिपूर्ण, सांकेतिक घेराव भी किया । इस दौरान अधिवक्ता पूर्ण रूप से मौन रहे । केवल अपने हाथों में पखड़े पोस्टर दिखाते रहे । किसी प्रकार की नारेबाजी या वार्तालाप ना होने के कारण क्षण अत्यंत प्रभावशाली व भावपूर्ण बन गया था । दी टैक्स बार एसोसिएशन के अध्यक्ष राज नारायण गुप्ता व संचालन सत्यपकाश श्रीवास्तव (सचिव) इस अभिनव प्रदर्शन के बारे में कहा कि भारतीय संविधान के अनुसार कर्यपालिका (प्रशासन) और न्यपालिका (अपील) के कार्य अलग-अलग निर्धारित है । और एक दूसरे के कार्यों में हस्तक्षेप नहीं कर सकते हैं । लेकिन यहां जीएसटी विभाग के शासन स्तर पर
उच्च पदस्थ प्रशासनिक अधिकारियों (कार्यपालिका) द्वारा अपील अधिकारियों (न्यायपालिका) पर अनाधिकृत दबाव डालकर प्रतिदिन कम से कम 50 अपीलों का निस्तारण करने के लिए बात किया जा रहा है । यह स्थिति अव्यावहारिक एवं तुगलकी है । अधिवक्ताओं ने कहा कि यह अपील कर्ताओं को उनके मौलिक अधिकार सुनवाई के सुयोग्य अवसर से वंचित करता है । तथा न्याय प्रक्रिया की गुणवत्ता को प्रभावित कर रहा है । इसका दुष्परिणाम होगा कि व्यापारियों पर गलत टैक्स लग जा रहे हैं । टैक्स की धनराशि लाखों करोड़ों रुपए में है । इस दौरान प्रमुख रूप से अधिवक्ता अवधेश चंद्र श्रीवास्तव, सत्य प्रकाश गुप्त, मोहम्मद इरफान, श्री कृष्ण मुरारी लाल अग्रवाल, सतीश चंद्र गुप्ता, अशोक कुमार सिंह, विनोद कुमार शर्मा, अरुण बरनवाल, तय्यब महबूब महमूद, महेंद्र यादव, अब्दुल कयूम, उमेश चंद्र श्रीवास्तव, विपिन गुप्ता, बद्री गुप्ता, प्रभात बरनवाल, सूर्यभान पाल, संतोष वर्मा, रमेश यादव, अनिल सिंह, संतोष उपाध्याय, विष्णु सहाय, राजेश यादव, रत्नेश वर्मा, अरविंद यादव सहित प्रमुख अधिवक्ता उपस्थित थे ।