
राजस्व परिषद इलाहाबाद ने स्पष्ट रूप से लिखा है, कि उपलब्ध अभिलेखों विद्वान अधिवक्ता द्वारा प्रस्तुत तथ्यों एवं परिस्थितियों के दृषगत में प्रथम दृष्ट्या संपत्ति की सुरक्षा हेतु निषेधाज्ञा पारित किया जाना न्यायोचित प्रतीत होता है । अतः आगामी नियत तिथि तक तहसीलदार फूलपुर जिला आजमगढ़ द्वारा पारित आदेश दिनांक 22 8.2024 का क्रियान्वयन स्थगित किया जाता है ।
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आजमगढ़ में ऐसा मामला आया है जहां रेवेन्यू बोर्ड के स्थगन के बावजूद एसडीम ने धोखाधड़ी का मुकदमा दर्ज कर दिया, यही नहीं एसडीएम ने ऐसे समय पर मुकदमा दर्ज कराया जिस दिन एसडीएम का दूसरे तहसील में तबादला हो गया था, अपने आदेश में राजस्व परिषद इलाहाबाद ने स्पष्ट रूप से लिखा है, कि उपलब्ध अभिलेखों विद्वान अधिवक्ता द्वारा प्रस्तुत तथ्यों एवं परिस्थितियों के दृषगत में प्रथम दृष्ट्या संपत्ति की सुरक्षा हेतु निषेधाज्ञा पारित किया जाना न्यायोचित प्रतीत होता है । अतः आगामी नियत तिथि तक तहसीलदार फूलपुर जिला आजमगढ़ द्वारा पारित आदेश दिनांक 22 8.2024 का क्रियान्वयन स्थगित किया जाता है । अग्रिम नियत तिथि तक उभय पक्ष मौके पर यथा स्थिति बनाए रखेंगे, पत्रावली सुनवाई हेतु 19 जून 2025 को प्रस्तुत हो । इसके बावजूद फूलपुरी एसडीएम ने रेवेन्यू विभाग की आदेश की अनदेखी करते हुए नैयर आदि पर मुकदमा दर्ज कर दिया है । बता दें कि फूलपुर तहसील क्षेत्र के गांव कंदरी निवासी 2 महिलाओं सहित 7 पर जो धोखाधड़ी और कूट रचित दस्तावेज तैयार कर जमीन हड़पने का मुकदमा एसडीएम फूलपुर ने के आदेश पर दर्ज कराया गया है, वह सरासर झूठा मुकदमा दर्ज हुआ है, जिस ज़ुबैर ने मुकदमा दर्ज कराया है, उसकी मां समीम अपने पति के मृत्यु के बाद तीसरी शादी करनी चाहती थी, इस लिए उसने अपने जेठ निसार हुसैन से पारिवारिक समझौता किया, समझौता में उसने मुम्बई में निसार हुसैन से 2 फ्लैट व 5 लाख रुपए नगद लिया, जो शमीम को दो फ्लैट निसार ने दिया, वह समझौते के मुताबिक समीम व उसके नाबालिक बेटे जुबेर के नाम से दिया, कारण जुबैर नाबालिक था, इसलिए शमीम ने अपना फोटो के साथ ही अपने बेटे का भी फोटो लगवाया, और अपना सिग्नेचर करने के साथ ही अपने बेटे के नाम का भी सिग्नेचर किया । जो पारिवारिक समझौता में साफ लिखा गया है, इसके अलावा दोनों पक्षों ने उसे पर बकायदे सिग्नेचर किया है । समझौता करने के बाद समीम अपने नाबालिक पुत्र के साथ मुंबई के उसी फ्लैट में रहने लगी, जो निसार ने दिया था, इस समझौता को 12 साल गुजर गया, इसी बीच निसार की मृत्यु हो गई और उक्त जमीन उनके पुत्र नैयर आदि और उनके भाई गुलाम हुसैन आदि के नाम दर्ज हो गई, इसके बाद माहुल बाजार का रहने वाला एक आदमी समीम व उसके बेटे जुबेर के पास पहुंचा, और करोड़ों रुपए की लालच देते हुए फूलपुर तहसील में उक्त नैयर की जमीन पर मुकदमा लड़ना शुरू किया, जिसके खिलाफ नैयर ने इलाहाबाद रेवेन्यू विभाग से जाकर स्टे लिया, इसके बावजूद माहुल का रहने वाले ने जुबेर को साथ लेकर इधर उधर घुमाता रहा, ताकि नैयर आदि पर मुकदमा दर्ज हो जाए, लेकिन सी.आर.ओ, तहसीलदार, सीओ, थाना अहरौला, पुलिस चौकी माहुल ने रिवेन्यू के आदेश के आधार व समझौता वाले कागज के आधार पर नैयर आदि के पक्ष में रिपोर्ट लगा दिया, कि समीम और नैयर आदि से जो कागजी समझौता हुआ है, वह सही है, वही नैयर मूशीर आदि का कहना है कि एसडीएम फूलपुर जबरदस्ती पार्टी बनकर बिना स्टे का कागज और पारिवारिक समझौता का कागज देखे बिना, और रिवेन्यू के आदेश की जानकारी के बावजूद 2 अप्रैल 2025 को उनका ट्रांसफर होता है, और उसी दिन एसडीएम के आदेश पर नैयर समेत सात लोगों पर मुकदमा धोखाधड़ी का पंजीकृत करा दिया । जबकि तहसील से लेकर रेवेन्यू विभाग ने मान लिया है कि पारिवारिक समझौता के तहत समीम से निसार ने उक्त जमीन लिया है, यह रिपोर्ट में खुद दर्शा रहा है । वहीं समीम ने अपने नाबालिक बेटे जुबेर के साथ रहते हुए, तीसरी शादी कर लिया, कुछ दिन बाद शमीम ने जिससे तीसरी शादी किया था, उससे भी संबंध विच्छेद करते हुए नैयर के पिता ने जो शमीम को फ्लैट दिया है, उसी में समीम अपने बेटे ज़ुबैर के साथ रहती है, और दूसरे फ्लैट को भाड़े पर दे रखा है, अब समीम की नियत खराब हो गई है, इसलिए समझौता को मानने से इनकार कर रही है । यही नहीं नैयर ने अपने बयान में कहा कि समीम शहजाद के नाम से आजमगढ़ फूलपुर में मुकदमा लड़ रही है । जबकि उसने जो तीसरी शादी किया है । उसका दादर कोर्ट में मुकदमा लड़ रही है, यही नहीं शमीम मुर्तुजा के नाम से मुकदमा लड़ रही है, नैयर ने बताया कि इस फ्रॉड महिला ने मुर्तुजा से जो तीसरी शादी की है उसकी 400 करोड़ की वसियत कराई है, और 35 एकड़ जमीन जो राजस्थान कोटा में पड़ता है उसकी भी वसीयत कराई है, यही नहीं अपने तीसरे आदमी से भरण पोषण के नाम पर हर महीने 70000 रुपया भी लेती है, इतना सबके बावजूद एसडीएम ने नैयर आदि पर मुकदमा दर्ज कर दिया है ।