
लालगंज (आज़मगढ़ ) राजकीय इंजीनियरिंग कॉलेज आजमगढ़ के पांच विद्यार्थी आई आई एम मुंबई में इंटर्नशिप करेंगें राजकीय इंजीनियरिंग कालेज देवगांव आजमगढ़ में उद्यमिता विकास पर गत दो वर्षों की भांति इस वर्ष भी तीसरी एक सप्ताह की अंतरराष्ट्रीय कार्यशाला का उद्धघाटन आईआईएम मुंबई के निदेशक प्रो मनोज कुमार तिवारी द्वारा किया गया। प्रो तिवारी ने प्रतिभागियों का उत्साहवर्धन करते हुए उद्यमिता के माध्यम से भारत को विकसित राष्ट्र बनाने के लिए युवाओं को प्रेरित किया। प्रोफेसर तिवारी ने कई सारे उदाहरणों के माध्यम से प्रतिभागियों को बताया कि उद्यमिता से निजी एवं सामाजिक जीवन में क्रांतिकारी परिवर्तन लाया जा सकता हैं। प्रोफेसर मनोज तिवारी ने पूर्वांचल में राजकीय इंजीनियरिंग कॉलेज आजमगढ़ द्वारा किए जा रहे इस तरह के आयोजनों की सराहना की और साथ ही संस्थान के पांच मेधावी छात्रों को आईआईएम मुंबई में इंटर्नशिप की भी घोषणा की। संस्थान के निदेशक प्रो बीके त्रिपाठी ने उद्घाटन सत्र की अध्यक्षता करते हुए उद्यमिता विकास के लिए संस्थान द्वारा लगातार किए जा रहे प्रयासों पर विस्तार से चर्चा की। कार्यशाला के समन्वयक एवं संस्थान के कुलसचिव डॉ अम्बरीष सिंह ने अतिथियों का स्वागत करते हुए इस अंतरराष्ट्रीय कार्यशाला के उद्देश्य एवं महत्व पर प्रकाश डालते हुए बताया कि संस्थान के एंटरप्रेन्योरशिप डेवलपमेंट सेल द्वारा दिनांक 20 से 25 मार्च 2025 तक लगातार तीसरे वर्ष एक सप्ताह की उद्यमिता विकास पर कार्यशाला का आयोजन किया जा रहा है। गत वर्षों की कार्यशाला की अभूतपूर्व सफ़लता के क्रम में इस वर्ष भी उद्यमिता विकास पर यह एक सप्ताह की कार्यशाला आयोजित की जा रही है। जिसमे यूनाइटेड किंगडम के चार और न्यूजीलैंड के एक प्रतिष्ठित अंतरराष्ट्रीय वक्ताओं के साथ ही देश के प्रतिष्ठित संस्थाओं आईआईएम, एनआईटी, ट्रिपल आईटी, ईडीआईआई, बीएचयू , लखनऊ विश्वविद्यालय, मुंबई विश्वविद्यालय, एवं अन्य महत्त्वपूर्ण संस्थानों के प्राध्यापक एवं इंडस्ट्री विशेषज्ञ छात्र -छात्राओं को उद्यमिता विकास के विभिन्न पहलुओं से अवगत कराएंगे। उद्घाटन सत्र में एमएनएनआईटी प्रयागराज के प्रो तनुज नंदन ने भी अपने विचार रखे और सर्कुलर इकोनॉमिक मॉडल की चर्चा कर तकनीकी स्टार्टअप्स की सफलता के मार्ग बताए। इलाहाबाद केंद्रीय विश्वविद्यालय की सहआचार्य और इनक्यूबेशन सेंटर प्रभारी डॉ शेफाली नंदन ने सरकार द्वारा उद्यमिता विकास के लिए चलाई जा रही योजनाओं और इनक्यूबेशन सेंटर द्वारा स्टार्टअप्स को आगे बढ़ाने के लिए किए जा रहे प्रयासों को प्रतिभागियों से साझा किया। बीएचयू वाराणसी के प्रो तुषार सिंह ने युवा उद्यमियों के मानसिक स्वास्थ्य को सुदृढ़ बनाने के उपायों को विस्तृत रूप से समझाया। सिद्धार्थ विश्वविद्यालय कपिलवस्तु के प्रबंधन संकाय के डीन एवं विभागाध्यक्ष प्रो सौरभ ने कार्यशाला के प्रतिभागियों को सोशल एंटरप्रेन्योरशिप के विभिन्न पहलुओं से अवगत कराते हुए विकसित भारत के लिए अधिक से अधिक सोशल उद्यमों को बढ़ाने पर जोर दिया। दिन के अंतिम वक्ता एपीआरएन कंसल्टिंग लंदन यूके के श्री सौरभ राय ने अपनी उद्यमिता यात्रा को प्रतिभागियों से साझा किया। सत्र के अंत में अतिथियों को धन्यवाद ज्ञापन डॉ कौशल कुमार शुक्ला ने किया। इस कार्यशाला के आयोजन में संस्थान के ईडीसी सेल से जुड़े हुए शिक्षक बंधुओं डॉ अनूप नारायण सिंह,सावेंद्र प्रताप सिंह सहित छात्रों एवं कर्मचारियों का विशेष सहयोग रहा।