दिल्ली विधानसभा चुनाव की आज घोषणा हो गई। मुख्य चुनाव आयुक्त राजीव कुमार नें प्रेस कांफ्रेंस में चुनाव की तारीखों का ऐलान किया। दिल्ली विधान सभा की सभी 70 सीटों के लिए एक चरण में 5 फरवरी को वोट डाले जाएंगे। मतगणना 8 फरवरी को होगी। बताते चलें कि इस साल होने वाले चुनाव में तीनों प्रमुख दल अपने-अपने उम्मीदवार उतारने की घोषणा कर चुके हैं। 23 फरवरी को दिल्ली विधानसभा का मौजूदा कार्यकाल खत्म हो रहा है। इसी के साथ मुख्य चुनाव आयुक्त राजीव कुमार का कार्यकाल भी 18 फरवरी को खत्म होना है। पिछले विधानसभा चुनाव की घोषणा 6 जनवरी को हुई थी और चुनाव एक चरण में 8 फरवरी को हुए थें। मतगणना 11 फरवरी को हुई थी। दिल्ली में 70 विधानसभा सीट है। इनमें से 12 सीटें अनुसूचित जाति के लिए आरक्षित हैं। कुल 1.55 करोड़ मतदाताओं में 83.49 लाख पुरुष और 71.74 लाख महिला मतदाताओं के साथ थर्ड जेंडर के 1261 मतदाता हैं। इस बार 2.08 लाख फर्स्ट टाइम वोटर भी हैं। आम आदमी पार्टी नें सभी सीटों पर उम्मीदावारों की घोषणा कर चुकी है। 21 नवंबर को आई पहली लिस्ट में 11 नाम थें तो 20 दिसंबर को आई 5वीं लिस्ट में सिर्फ 1 नाम था। पार्टी मुखिया अरविंद केजरीवाल अपनी पुरानी सीट नई दिल्ली से ही चुनाव मैदान में हैं। उनके खिलाफ भाजपा नें पूर्व सीएम साहिब सिंह वर्मा के बेटे पूर्व सांसद प्रवेश वर्मा को टिकट दिया है वहीं कांग्रेस ने पूर्व सीएम शीला दीक्षित के बेटे संदीप दीक्षित को चुनाव मैदान में उतारा है। पूर्व डिप्टी सीएम मनीष सिसोदिया की सीट पटपड़गंज से बदलकर जंगपुरा कर दिया गया है। पार्टी के वरिष्ठ नेता गोपाल राय बाबरपुर, सत्येंद्र जैन शकूर बस्ती से चुनाव मैदान में हैं। वहीं मंत्री सौरभ भारद्वाज ग्रेटर कैलाश से चुनावी मैदान में हैं। आइए जानते हैं पिछले विधानसभा चुनाव में किस पार्टी के खाते में कितनी सीटें आई थीं। सबसे पहले बात सत्तारूढ़ आम आदमी पार्टी की करते हैं। उस पिछले विधानसभा चुनाव में 62 सीटें मिली थीं और उसका मतप्रतिशत 53.57 था। जबकी भारतीय जनता पार्टी को 38.51 प्रतिशत वोट के साथ 8 सीटों पर जीत मिली थी। जबकी कांग्रेस के खाते में कोई सीट नहीं आई थी और उसको 04.26 प्रतिशत वोट मिले थें। अब नज़र डालते हैं 2015 विधानसभा चुनावों के परिणाम पर। 2015 विधानसभा चुनाव में आम आदमी पार्टी के खाते में 67 सीटें आई थीं और उसको 54.34 प्रतिशत वोट मिले थें। भारतीय जनता पार्टी 32.19 प्रतिशत वोट के साथ 3 सीटें हासिल की थी। जबकि कांग्रेस को 09.65 प्रतिशत वोट मिले थें।