
आज़मगढ़ शीतकालीन सत्र के तीसरे दिन को विधानपरिषद में नियम 105 के तहत श्री शाह आलम गुड्डू जमाली एमएलसी समाजवादी पार्टी पूर्व विधायक मुबारकपुर ने बिजली निजीकरण के मुद्दे एवं किसानों,बुनकरों वा प्रदेश वासियों के जनहित के मुद्दों पर सदन मे कहा कि मेरी जानकारी के मुताबिक हमारे इस प्रदेश में पांच डिस्काउन है और जानकारी के मुताबिक उसमें से दो पूर्वांचल और दक्षिणांचल को निजी हाथों में देने की बात हो रही है ये कोई पहली बार नहीं हो रहा है पहले भी इस तरह की बातें आई थी तो इसको लेकर बहुत आंदोलन भी हुआ था। धरना प्रदर्शन भी हुआ हमारे जो बिजली कर्मचारी भाई हैं वह सड़कों पर आ गए थे उस वक्त के तत्कालीन मिनिस्टर साहब श्रीकांत जी के साथ एक बैठक भी हुई उसके बाद समझौता हुआ लिखित हुआ कि जो हमारी इस वक्त की व्यवस्था है उसमें सुधार किया जाएगा और इसका निजीकरण नहीं किया जाएगा। उसेके बाद 6/10/2020 को हमारी कैबिनेट ने एक सब कमेटी बनाई जिसकी अध्यक्षता माननीय खन्ना साहब फाइनेंस मिनिस्टर करते है उसमें भी दोनों पक्षों ने विस्तार से बात रखा कंकुलिडिंग बात यह थी कि बगैर बिजली कर्मचारियों के कॉन्फिडेंस में लिए और सारे इससे जुड़े पहलू है उसको बिना समझे हुए इसका निजीकरण नहीं किया जाएगा। अब दिक्कत यह है कि उसके बाद फिर दोबारा बात होने लगी कि हम पूर्वांचल को दक्षिणांचल को निजीकरण करेंगे मैं सरकार से यह आगरा करना चाहता हूं कि बिना कर्मचारियों को और किसानों को कॉन्फिडेंस से लिए हुए बुनकर भाइयों को और इससे जुड़े सभी लोगों को हम नहीं लेंगे तो इसको बहुत गंभीरता से समझने की जरूरत है यह एक बहुत बड़ा आंदोलन खड़ा हो जाएगा क्योंकि हम हमें चिंता है हम पूर्वांचल से हैं किस हमारे देश और प्रदेश की रीड की हड्डी है मैं बुनकरों की बात करते हुए उन्होंने कहा कि मैं मुबारकपुर से 10 साल से विधायक रहा हूं वहां एक लाख बुनकर की आबादी है एक-एक घर को जानता हूं ऐसे परिवार को भी जानता हूं की गरीबी के कारण सुसाइड भी कर लिए हैं इससे पहले मुलायम सिंह जी की सरकार थी तो 65 रुपए में बिजली सब्सिडी मिलती थी अब वह खत्म हो गई सरकार से यह कहना चाहता हूं कि यह बहुत बड़ा मामला है इसको बहुत गंभीरता से हर पहलू पर विचार करना पड़ेगा। अगर आप प्राइवेट को देंगे तो उसे सब्सिडीज का क्या होगा उसके लिए बिजली चोरी हो रही है उसको रोका जाए बिजली का मामला प्रदेश की जनता से जुड़ा हुआ मामला है किसने और बुनकरों का मामला है मैं बुनकरों की बात इसलिए बार-बार कहता हूं कि मैं उनकी भुखमरी और गरीबी को बहुत करीब से देखा है बनारस बनारसी साड़ी से जाना जाता है जो की मुबारकपुर में बनती है तैयार होती है।