
अतरौलिया आजमगढ़ सूर्योपासना का महापर्व छठ कार्तिक शुक्ल षष्ठी को मनाया जाता है।सूर्योपासना के इस विशिष्ट अनुष्ठान का श्री गणेश दीपावली के बाद कार्तिक शुक्ल चतुर्थी से ही प्रारंभ हो जाता है। वास्तव में यह भगवान सूर्य की आराधना , पूजा अर्चना का पर्व है।जो विशेष फल दायक होता है। यह पर्व सुख -शान्ति ,समृध्दि , वैभव का वरदान तथा मनोवांछित फल दायक माना गया है।वैसे तो यह स्त्रियों की कठिन साधना का पर्व है पर इसे करने वाली स्त्रियां सदैव धन-धान्य , सुख-समृद्धि तथा पति-पुत्र से परिपूर्ण रहती हैं और संसार के समग्र सुख भोग कर परम गति को प्राप्त होती हैं।
सौभाग्य व पुत्र की मंगल कामना के हृदय में संजोए सौभाग्यवती महिलाओं ने वृहस्पतिवार को डाला छठ के अवसर पर सूर्यास्त के पूर्व भगवान भास्कर को श्रध्दाभाव के साथ अर्घ्य दिया। परम्परानुसार महिलाओं ने डाला छठ (ललरी छठ ) के मद्देनजर बीती रात से ही व्रत रखा जो शुक्रवार को प्रातः काल उदय होते सूर्य को अर्ध्य देकर तोडा जाता है। यह पर्व श्रद्धा भाव भक्ति पूर्वक हर्षोल्लास के साथ प्रदेश के पूर्वांचल जिलों में मनाया जाता है। डाला छठ के अवसर पर दोपहर से ही महिलाएं पूजन सामग्री के साथ नगर स्थित पूरब पोखरा एवं पश्चिम पोखरे पर बने घाटों पर पहुँची। इसके एलावा क्षेत्र के नन्दना, मदियापार, लोहरा ,बढया, बूढनपुर, अतरैठ, बांसगांव आदि जगहों पर बने घाटों तथा जलाशयों पर जाती नज़र आयी। महिलाओं ने पवित्र जलासयों में खडी होकर सायंकाल अस्त होते भगवान भाष्कर को अर्द्ध दिया। जहां पर मेले जैसा माहौल रहा।अपराह्न से ही महिलाएं समूह में एकत्रित होकर परम्परागत परिधानों , सुहाग के जोडों में सजी मंगलगीत गाते हुए गाजे- बाजे के साथ घाटों तक पहुंची। सूर्यास्त के पूर्व जल के भीतर खडी़ होकर भगवान सूर्य से पुत्र के दीर्घायु की मंगल कामना की।सूर्यास्त के समय महिलाएं व पुरुष विभिन्न पकवान ,फल-फूल, पान सुपारी, रोरी, अक्षत, दूध ,गन्ना आदि पूजन सामग्री बांस की बनी सुपोलियों में रखकर अस्त हो रहे सूर्य को अर्ध्य दिया। देर शाम पुनः महिलाएं सुपोली में जलता हुआ घी का दिया लेकर घर आयीं जिसे पूरी रात जलाई। और दूसरे दिन अर्ध्य रात्रि से ही महिलाएं सुहाग जोडें में सजकर मंगलगीत गाती गाजे बाजे के साथ नंगे पांव घाटों एवं जलासयों पर पहुंचकर जल के भीतर खडी होकर उगते हुए सूर्य का इन्तजार करती हुई उगते हुए भगवान भाष्कर को अर्द्ध देती है। नगर स्थित पूरब पोखरे पर मेले जैसा माहौल बना रहा । घाटो छठ म ईया के आडियो भक्ति गीत की धूम रही। डीजे पर भक्ति गीत से पूरा वातावरण भक्तिमय हो गया। नगर पंचायत द्वारा घाटों की साफ सफाई तथा नगर पंचायत अध्यक्ष सुभाषचंद्र जायसवाल द्वारा पूरब तथा पश्चिम पोखरे को विद्युत झालरों से सजाया गया। थाना अध्यक्ष वीरेंद्र कुमार सिंह के नेतृत्व में सभी घाटों का चक्रमण कर निरीक्षण किया जा रहा था। इस दौरान पुलिस कर्मियों व महिला पुलिस कर्मियों के साथ पीएसी के जवानों को भी घाटों पर सुरक्षा के दृष्टिकोण से लगाया गया था। उप जिलाधिकारी बुढ़नपुर पंकज दीक्षित ने घाटों का स्थलीय निरीक्षण किया । मौके पर नगर पंचायत अध्यक्ष सुभाष चंद्र जायसवाल, पूर्व अध्यक्ष रामचंद्र जायसवाल, धर्मेंद्र निषाद राजू ,जय किशन पांडे, टीटू विनायकर, तजमुल हुसैन, व नगर कर्मचारी मौजूद रहे।