
मुबारकपुर, आज़मगढ़ उर्स हाफ़िज़ -ए – मिल्लत के दुसरे दिन देर रात 9 बजे एक विशाल दिनी जलसे और दस्तारबंदी के विशेष कार्यक्रम का आयोजन किया गया जहां संस्था के ओलमाए मशायख के द्वारा हुज़ूर हाफ़िज़ -ए- मिल्लत के जीवन पर विस्तारपूर्वक प्रकाश डाला। मौलाना नईमुद्दीन अज़ीज़ी ने जलसे को सम्बोधित करते हुए कहा कि अलजामितुल अशरफिया से शिक्षा पाने वाला छात्र भारत के विभिन्न विश्वविद्यालय में दिखाई देने वाला हाफ़िज़ -ए- मिल्लत का सपना आज जानशीन हाफ़िज़ -ए – मिल्लत मौलाना शाह अब्दुल हफ़ीज़ सबराहे आला के नेतृत्व में पूरा हो रहा है। इस संस्था का भी छात्र देश कि विभिन्न यूनिवर्सिटियों में पहुंचकर देश और संस्था का नाम रौशन कर रहा है।देर रात 11 बजकर 55 मिनट पर क़ुल शरीफ हुआ बाद क़ुल शरीफ आधा दर्जन ओलमाए मशायख के हाथों संस्था से शिक्षा पूर्ण करने वाले तहकीक फिल्फ़ेकह के 8, तहकीक फिलहदीस के 8 छात्र, तहकीक फिलअदब 7, फज़ीलत के 175, फज़ीलत ख़ुसूसी 66, हाफ़िज़ 22 सहित कुल 286 छात्रों को दस्तारबंदी (पगड़ी ) से नवाज़ा गया। इसके अलावा मौलवी एंव क़ारी के 175 तथा आलिम के 158 छात्र सहित कुल 333 छात्रों को प्रमाणपत्र देकर सम्मानित किया गया। कार्यक्रम का समापन रात्रि ढाई बजे सरबारहे आला मौलाना अब्दुल हफ़ीज़ के दुआओं और सलाम के बाद किया गया।