
लालगंज (आज़मगढ़ )स्थानीय तहसील क्षेत्र के देवगांव बाजार में स्थित आयुर्वेदिक अस्पताल में हो रहे अवैध कब्जे को क्षेत्रिय आयुर्वेदिक एवं यूनानी अधिकारी जिलाधिकारी के यहां गुहार लगाने के बाद भी बचा नहीं पा रहे, जो क्षेत्र में चर्चा का विषय बना हुआ है। ज्ञात हो कि देवगांव बाजार में वर्ष 1954 में राजकीय आयुर्वेदिक अस्पताल की स्थापना की गयी। तभी से अस्पताल चल रहा है। अस्पताल में कार्यरत चतुर्थ श्रेणी की कर्मचारी मैमूननिशा पत्नी नासिर उर्फ सलाही द्वारा सेवानिवृत्ति के बाद चिकित्सालय के परिसर में ही अवैध निर्माण कराकर कब्जा कर ली हैं। चिकित्साधिकारी द्वारा रोके जाने का उन पर कोई असर नहीं रहा। जिस पर चिकित्साधिकारी ने क्षेत्रिय आयुर्वेदिक एवं यूनानी अधिकारी आजमगढ़ को 30 दिसंबर 2024 को लिखित पत्र देकर अवगत कराकर देवगांव कोतवाली में 9 जनवरी 2025 को लिखित शिकायत किया। जिस पर कोई कार्रवाई न होने से क्षुब्ध चिकित्साधिकारी ने 20 जनवरी 2025 को उप जिलाधिकारी लालगंज को पत्र देकर अवगत कराकर अवैध कब्जा हटवाने की मांग किया। इस पर भी कोई कार्रवाई नहीं होने पर पुनः 13 फरवरी 2025 को देवगांव कोतवाली में शिकायत किया। इस बार भी पुलिस द्वारा कोई हस्तक्षेप न करने व आमजन मानस में फैल रहे आक्रोश को देखते हुए चिकित्साधिकारी द्वारा पुनः 18 फरवरी को क्षेत्रिय आयुर्वेदिक एवं यूनानी अधिकारी को अनुस्मारक पत्र भेजा। तब मामले की गंभीरता को देखते हुए क्षेत्रिय आयुर्वेदिक एव यूनानी अधिकारी आजमगढ़ द्वारा 21 फरवरी 2025 को जिलाधिकारी को इस पूरे मामले से अवगत कराते हुए लिखित पत्र जिसकी एक प्रतिलिपि पुलिस अधीक्षक आजमगढ़ को भेज दिया। संबधित अधिकारियों द्वारा चिकित्सालय की भूमि को बचाने के लिए किए जा रहे प्रयास के बाद भी कोई प्रसासनिक हस्तक्षेप न होने के कारण अवैध निर्माण जस का तस बना हुआ है। इसको लेकर मौके पर तनाव की स्थिति बनी हुई है। उधर उच्चाधिकारियों से तमाम शिकायतों के बावजूद कोई कार्रवाई न होने से चर्चाओं का बाजार गरम हो गया है। लोगों का कहना है कि जब सरकार और प्रसाशन अपनी जमीन की रक्षा नहीं कर पा रहे हैं, तो आमजन की समस्याओं का निस्तारण किस प्रकार से करेंगे इस बात का अनुमान लगाया जा सकता है।
इस तरह के प्रसाशनिक निष्क्रियता से अवैध कब्जों के खिलाफ अभियान चलाने वाली प्रदेश सरकार के अभियान की हवा निकल रही है।