
लोकसभा चुनाव 2024 के तहत चुनाव आयोग के 4 चरणों के अपडेटेड वोटिंग टर्नआउट 1.07 करोड़ की बढ़ोतरी दर्ज हुई है, रिपोर्ट के अनुसार हर फेज में वोटिंग वाले दिन आए, देर रात के आंकड़ों और अब फाइनल आए डेटा के विश्लेषण से पता चला है, कि चुनावों के पहले चार चरणों की तुलना में अंतर करीब 1.07 करोड़ वोटों का हो सकता है, अब तक चार चरणों का मतदान हो चुका है, 543 सीटों में से अब तक 379 सीटों पर चार चरणों में वोटिंग हो चुकी है, चुनाव आयोग ने अब 4 चरणों के मतदान का फाइनल डेटा भी जारी कर दिया है, चुनाव आयोग के मुताबिक अब तक जिन 379 लोकसभा निर्वाचन क्षेत्रों में जहां वोटिंग हो गई , वहां पर प्रति निर्वाचन क्षेत्र में औसतन 28,000 से ज्यादा वोट है, चुनाव आयोग ने इस आंकड़ों को अपने ऐप पर अनुमानित रुझान बताया है, कारण कि अभी भी डाक वोट इसमें शामिल नहीं है, बता दें कि चुनाव आयोग ऐप पर वोटिंग वाले दिन रियल टाइम डेटा के अलावा, हर फेज में हर राज्य की अलग से वोटिंग डेटा दे रहा है, वोटिंग होने के बाद लेटेस्ट आंकड़े रात 10.30 बजे से 11.30 बजे के बीच आ जाते हैं, वहीं फाइनल डेटा आने में लगभग 48 घंटों का वक्त लगता था, लेकिन अब चुनाव आयोग ने पहले चरण के मतदान के दिन के 11 दिन बाद और चरण 2, 3 और 4 के मतदान के चार दिन बाद डेटा जारी किया था, असल में अंतिम आंकड़े आम तौर पर मतदान के अगले दिन देर शाम को जारी किए जाने वाले आंकड़ों से थोड़ा ही अलग है, हालांकि वे कई राज्यों में मतदान की रात को दिए गए आंकड़ों से काफी अलग है, चुनाव आयोग ने हर निर्वाचन क्षेत्र में मतदाताओं के लिए संख्याएं भी जारी की है, हालांकि केवल पहले दो चरणों के बाद और किसी भी पूर्ण संख्या की कमी पर विवाद है, इस प्रकार पता चला है कि वोटिंग के दोनों आंकड़ों में वोटों की संख्या में अंतर पहले चरण में लगभग 18.6 लाख, फेज-2 में 32.2 लाख, तीसरे चरण में 22.1 लाख और चौथे चरण में 33.9 लाख था, जो कुल मिलाकर 1.07 करोड़ तक था, असोसिएशन फॉर डेमोक्रेटिक रिफॉर्म्स (ADR) ने इसको लेकर सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की है, कि मतदान होने के इतने दिन बाद वोटिंग फीसदी बढ़ा हुआ क्यों जारी हो रहा है, ADR की याचिका पर चीफ जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ की पीठ ने चुनाव आयोग को इसपर 24 मई तक जवाब दाखिल करने को कहा है।